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05 June 2016

राजन पर हिंदुत्‍व खेमेे की चुप्‍पी, दूसरे कार्यकाल के लिए क्‍या बात बन जाएगी

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स्‍वामी के विरोध को अगर आरएसएस की हवा लग गई तो पीएम मोदी के लिए मुश्किल हो सकता है। वैसे अभी खेमे की चुप्‍पी के बाद तो लग रहा है कि आरएसएस राजन के दूसरेे कार्यकाल का विरोध न करे।  आरबीआई गवर्नर राजन पर भाजपा नेता स्वामी ने विदेशी होने का आराेप लगाया है। लेकिन अभी तक यह साफ नहीं हो सका है कि सुब्रमण्यन स्वामी राजन पर जो हमले कर रहे हैं, वह भाजपा के ऊपर मौजूद संघ परिवार के इशारे पर हो रहा है या इसमें अकेले स्‍वामी भर शामिल हैं। 

वित्त मंत्री अरुण जेटली स्वामी के हमले के बाद एक इंटरव्यू में साफ कर चुके हैं कि व्यक्तिगत हमले नहीं किए जाने चाहिए, साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी वॉल स्ट्रीट जर्नल में दिए अपने इंटरव्यू में कहा था कि मीडिया को इस मामले में रुचि नहीं दिखानी चाहिए। राजन का कार्यकाल सितंबर में खतम हो रहा है।  

स्वामी हर किसी का विरोध करने के लिए जाने जाते हैं। उनको गंभीरता से कम ही लिया जाता है। स्वामी यौन शोषण के मामले में जेल में बंद आसाराम बापू का समर्थन करने और राम मंदिर निर्माण को लेकर भी चर्चा में रहते हैं। सूत्रों के अनुसार स्वामी विरोध जरुर कर रहे है्ं लेकिन मोदी सरकार कॉर्पोरेट सैक्टर के साथ अच्छा रिश्ता बनाकर चलना चाहती है और रघुराम राजन को यह सेक्टर खासा पसंद करता है। आरएसएस ने अभी इंडियन काऊंसिल ऑफ हिस्टॉरिकल रिसर्च, नेेशनल बुक ट्रस्ट और एफटीटीआई जैसी जगहों पर अपनी विचारधारा के लोगों को पहुंचाया है। वह हिंदू एजेंडे को आगे  लाना चाहता है। लिहाजा यह कयास लगाए जा रहे हैं कि वह राजन का विरोध करे।  पर मोदी और राजन एक सोच के व्‍यक्ति हैं। राजन उसी खुली सोच के बारे में सोचते हैं, जिसके बारे में पीएम मोदी सोच रहे हैं। ऐसे समीकरण राजन को लेकर पीएम मोदी और आरएसएस के बीच एक वैचारिक टकराव ला सकते हैं। हालांकि संघ की अभी तक की चुप्‍पी तो राजन और मोदी के लिए बेहतर संकेत है। 

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TAGS: रघुराम राजन, आरबीआई, आरएसएस, पीएम मोदी, दूसरा कार्यकाल, स्‍वामी, जेटली, swamy, pm modi, raghuram rajan, rss, rbi governer, second tenure
OUTLOOK 05 June, 2016
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