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19 January 2016

गणतंत्र दिवस पर पहली बार ऊंट दस्ता नहीं होगा

अधिकारियों ने बताया कि 90 सदस्यीय बीएसएफ का ऊंट दस्ता और बैंड दस्ता इस बार के कार्यक्रम के लिए रिहर्सल नहीं कर रहे हैं क्योंकि उन्हें अधिकारियों का कोई निर्देश नहीं मिला है।

सूत्रों के मुताबिक, पिछले कुछ महीनों से दिल्ली में यह दस्ता पहुंचा हुआ है लेकिन इसे रिहर्सल में शामिल नहीं किया जा रहा है क्योंकि इस संबंध में उसे कोई निर्देश नहीं मिल पाया है।

शाही और भव्य अंदाज में सजे ‘रेगिस्तान के जहाज’ ऊंट को सीमा सुरक्षा के लिए तैनात किया जाता है और पहली बार यह ऊंट दस्ता सन 1976 में इस राष्ट्रीय पर्व की झांकी का हिस्सा बना था। इससे पहले सन 1950 से इसकी जगह सेना का ऐसा ही एक दस्ता गणतंत्र दिवस परेड का हिस्सा था।

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ऊंट दस्ते में शामिल एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बीएसएफ ऊंट दस्ता हर साल 26 जनवरी को राजपथ पर होने वाली परेड का एक अभिन्न हिस्सा था। इसमें दो दस्ते होते थे, एक 54 सदस्यीय सैनिकों का दस्ता तो दूसरा 36 सदस्यीय बैंड का दस्ता। पहला दस्ता ऊंट पर सवार हथियारबंद बीएसएफ सीमा सैनिकों का होता था, दूसरा दस्ता ऊंट पर सवार रंग-बिरंगी पोशाकों में सजे बैंड‍्समैन का होता था।

अधिकारियों ने बताया कि इस बार 26 जनवरी की परेड में कई बदलाव देखने को मिलेंगे। मसलन, इस बार आईटीबीपी, सीआईएसएफ और एसएसबी जैसे अर्द्धसैनिक बलों को परेड में शामिल नहीं किया गया है जबकि सेना का श्वान दस्ता और फ्रांसीसी सैनिकों का एक ‌दस्ता पहली बार झांकी पेश करने जा रहे हैं। ऊंट दस्ता 29 जनवरी को होने वाले बीटिंग रिट्रीट समारोह में भी हिस्सा नहीं लेगा जिसमें पहले वे रायसीना की पहाड़ियों के नार्थ और साउथ ब्लॉक में तैनात रहा करते थे। 

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TAGS: Republic Day, BSF, Camel Contingent, dog squad, गणतंत्र दिवस, ऊंट दस्ता, बीएसएफ, अर्द्धसैनिक बल
OUTLOOK 19 January, 2016
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