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30 November 2016

महिलाओं ने हाजी अली दरगाह में मजार तक जाकर की जियारत

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भारतीय मुस्लिम महिला आंदोलन :बीएमएमए: की सदस्यों का प्रवेश उच्चतम न्यायालय द्वारा हाजी अली दरगाह टस्ट को दरगाह के भीतर मजार तक महिलाओं को जाने की अनुमति देने के आदेश देने के एक महीने से अधिक समय बाद हुआ है। गौर हो कि कुछ साल पहले महिला श्रद्धालुओं के इसमें प्रवेश पर रोक लगा दी गई थी। बीएमएमए सह-संस्थापक जकिया सोमन ने पीटीआई-भाषा से कहा, बीएमएमए की तकरीबन 400 महिलाएं दरगाह में गईं। हमने वहां चादर भी चढ़ाई और पीर की दरगाह पर दुआ मांगी।

 सुप्रीम कोर्ट के आदेश के करीब 5 हफ्ते बाद पहले से तय कार्यक्रम के मुताबिक महिलाओं ने दरगाह पहुंचकर हाजी अली को चादर और फूल चढ़ाने के साथ अमन की दुआ मांगी।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दरगाह ट्रस्ट ने भी विशेष इंतजाम किए हैं। महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग प्रवेशद्वार बनाए गए हैं। इसके अलावा, अब कोई भी व्यक्ति हाजी अली की मजार को नहीं छू सकेगा। अब महिलाओं और पुरुषों, दोनों को ही मजार से करीब 2 मीटर की दूरी पर खड़ा होना पड़ेगा।

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बॉम्बे हाई कोर्ट ने इस साल अगस्त में महिलाओं को मजार तक जाने पर लगे प्रतिबंध को हटाने का आदेश दिया था। हाई कोर्ट ने कहा था कि महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध संविधान में दिए गए मूलभूत अधिकारों का उल्लंघन है। इस फैसले को दरगाह ट्रस्ट ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। 24 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा। आखिरकार, दरगाह ट्रस्ट ने फैसले को लागू करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से 4 हफ्ते को मोहलत मांगी थी।

 

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TAGS: हाजी अली दरगाह, मुंबई, महिलाएं, बांबे हाई कोर्ट, मजार, जियारत, woman, haji ali dargah, mumbai, bombay high court
OUTLOOK 30 November, 2016
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