Advertisement
07 December 2016

नोटबंदी से काले धन के स्रोतों पर नहीं पड़ेगा खास असर : एसोचैम

गूगल

एसोचैम के राष्ट्रीय महासचिव डी. एस. रावत ने यहां संवाददाताओं से कहा कि नोटबंदी के पीछे सोच तो बहुत अच्छी थी लेकिन इसका क्रियान्वयन बेहद खामियों भरा रहा। उन्होंने कहा कि 500 और हजार रुपये के नोटों का चलन बंद किये जाने के बाद पैदा हालात से देश के सकल घरेलू उत्पाद में डेढ़ से दो प्रतिशत की गिरावट आ सकती है। साथ ही इससे मंदी भी आने का खतरा है।

उन्होंने एक सवाल पर रियल एस्टेट और चुनावों को काले धन के सबसे बड़े स्रोत बताते हुए कहा कि नोटबंदी से काले धन के सृजन पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। जब तक राजनीतिक वित्त पोषण यानी चंदे को आधिकारिक शक्ल नहीं दी जाएगी, रियल एस्टेट की स्टाम्प ड्यूटी को न्यूनतम नहीं किया जाएगा और पारदर्शी निर्णय नहीं लिये जाएंगे, तब तक काले धन पर लगाम कसना मुमकिन नहीं है।

रावत ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से गुजारिश की है कि नकदी की राशनिंग करने के बजाय उसके प्रवाह को जल्द से जल्द बढ़ाया जाए, कर सुधारों को बहुत तेजी से किया जाए और ब्याज दरें जल्द से जल्द कम की जाएं, ताकि लोगों को नोटबंदी का झटका सहन करने में आसानी हो।

Advertisement

एसोचैम महासचिव ने प्रधानमंत्री मोदी के कैशलेस सोसाइटी की वकालत किये जाने पर कहा कि भारत जैसा बड़ा देश एकाएक नकदी रहित लेन-देन का अभ्यस्त नहीं हो सकता। ऐसा होने के लिये कम से कम पांच साल लगेंगे। उन्होंने कहा कि नोटबंदी की वजह से व्यापार के वितरण क्षेत्र यानी मंडियों और उनमें काम करने वाले मजदूरों तथा कामगारों पर सबसे बुरा असर पड़ा है। बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार हो गये हैं।

रावत ने इस मौके पर एसोचैम द्वारा किये गये डिजिटल इण्डिया टू रोबोटिक इण्डिया विषयक अध्ययन की रिपोर्ट भी जारी की। उन्होंने कहा कि अगले पांच साल के दौरान रोबोटिक्स की वजह से एक करोड़ लोगों के अपनी नौकरी गंवाने का अंदेशा है।     रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक स्तर पर बहुत तेजी से हो रहे प्रौद्योगिकीय विकास की वजह से अगले पांच वर्षों में कृत्रिाम इंसानी विकल्प यानी रोबोट एक करोड़ से ज्यादा लोगों की नौकरियां खत्म होने का सबब बन सकते हैं।

वैश्विक स्तर पर जिस तरह की औद्योगिक क्रान्ति हो रही है, उससे स्वचालन, रोबोटिक्स, थ्री डी प्रिंटिंग, कृत्रिम बुद्धि जीनोमिक्स के रूप में नुकसानदेह प्रौद्योगिकियां भी सामने आ रही हैं। इनकी वजह से बड़ी संख्या में लोग अपनी नौकरी गंवा रहे हैं। सिर्फ भारत में ही अगले पांच साल के दौरान करीब 10 लाख नौकरियों पर खतरा मंडरा रहा है।

रावत ने कहा कि केन्द्र सरकार को स्वचालन को लेकर एक राष्ट्रीय नीति का स्वरूप तैयार करना चाहिये। इसमें शीर्ष स्तर के विषेषज्ञों व्यवसाय जगत, सरकार तथा श्रमिक वर्ग के प्रतिनिधियों की राय को शामिल किया जाना चाहिये। इससे हम इस परिवर्तनकाल को कम से कम तकलीफदेह बनाने के लिये कार्ययोजना बना सकेंगे।

भाषा 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: नोटबंदी, काला धन, Demonetisation, black money, Assocham, cashless society
OUTLOOK 07 December, 2016
Advertisement