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29 March 2016

डिफेंस एक्सो ने बनाया माहौल, पर जमीनी अमल में लगेगा समय

गुगल

गोवा में चल रहे डिफेंस एक्पो में कई अहम चीजें घटित हो रही हैं। आज आर्मी स्टाफ के डिप्टी चीफ लेफ्टिनेंट जनरल सुब्रत साहा ने आज कहा, भारतीय सेना भारतीय युद्धों को भारतीय सॉल्युशनस के साथ ही लड़ने पसंद करती है। इसका अर्थ यही हुआ कि सेना की पहली पसंद भारतीय पृष्ठभूमि और युद्धभूमि को ध्यान में रखकर तैयार किए गए हथियार या उपकरण हैं।

पहली बार डिफेंस एक्पो दिल्ली के बाहर आयोजित हुआ है और ठीक इसी मौके पर रक्षा मंत्री मनमोहन पर्रिकर ने रक्षा खरीद नीति भी जारी की। इस नीति के बारे में अभी इस एक्पो में आईं करीब 1000 देसी-विदेशी कंपनियां भारत के इतने बड़े हथियार बाजार से मुनाफा कमाने की रणनीति बना रही हैं।

कई विदेशी हथियार कंपनियां ये मन बनाकर आई हुई हैं कि वे भारत में निवेश करने को तैयार हैं। स्वीडन की साब कंपनी के अधिकारियों ने कहा कि वह भारत को तकनीक हस्तांतरित करने को तैयार है। उन्होंने यह तक कहा कि उन्हें सही अवसर और माहौल का इंतजार है, वह अपनी कंपनी को भारतीय कंपनी के तौर पर देखने को तैयार है। इस तरह से कई विदेशी कंपनियों के अधिकारी रक्षा में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश की सीमा के बढ़ने के बाद से भारत के प्रति सकारात्मक रुख बना रही है।

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इस बार विदेशी हथियार कंपनियों की संख्या बढ़कर 490 हो गई है, वर्ष 2014 में यह 368 थी। इस बार 47 देश इसमें शिरकत कर रहे हैं। हालांकि रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा इतनी कवायद करने और दरवाजे खोलने के बावजूद उस स्तर का उत्साह विदेशी कंपनियां नहीं दिखा रही हैं। रक्षा सौदों में चूंकि लंबा समय लगता है, इसलिए इस डिफेंस एक्पो में आई कंपनियां कितना आगे जाती हैं, यह कुछ समय बात ही पता चलेगा।

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TAGS: defence expo, goa, manohar parirkar, foreign, स्वीडन, saab
OUTLOOK 29 March, 2016
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