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12 July 2023

देश में टमाटर के बढ़ते 'तेवर' पर केंद्र का 'फैसला', उपभोक्ताओं को राहत मिलने की उम्मीद

देशभर में टमाटर की कीमतों ने आम जनता की गृहस्थी पर प्रभाव डाला है। टमाटर की बढ़ती कीमतों की तरफ केंद्र ने अपना ध्यान खींचा है। दरअसल, बुधवार को केंद्र द्वारा सहकारी समितियों नेफेड और एनसीसीएफ को प्रमुख उपभोग केंद्रों में वितरण के लिए आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र से टमाटर खरीदने का निर्देश दिया गया, जहां पिछले एक महीने में खुदरा कीमतों में सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की गई है।

बता दें कि उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने द्वारा जारी बयान में स्पष्ट रूप से कहा गया कि टमाटर का स्टॉक 14 जुलाई से दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में उपभोक्ताओं को रियायती कीमतों पर खुदरा दुकानों के माध्यम से वितरित किया जाएगा। लाजमी है कि बारिश की वजह से आपूर्ति बाधित होने के कारण देश के कई हिस्सों में टमाटर की खुदरा कीमतें 200 रुपये प्रति किलोग्राम तक बढ़ गई हैं।

इधर, राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (NAFED) और राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (NCCF) टमाटर की खरीद का कार्य करेंगे। मंत्रालय की मानें तो टमाटर जारी करने के लिए लक्षित केंद्रों की पहचान पिछले एक महीने में खुदरा कीमतों में पूर्ण वृद्धि के आधार पर की गई है, जहां प्रचलित कीमतें अखिल भारतीय औसत से ऊपर हैं। बयान में कहा गया कि चिन्हित केंद्रों की अधिक सघनता वाले राज्यों में प्रमुख उपभोग केंद्रों को हस्तक्षेप के लिए आगे चुना जाएगा।

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मंत्रालय का कहना है कि टमाटर का उत्पादन आम तौर पर जुलाई-अगस्त और अक्टूबर-नवंबर की अवधि में कम होता है। मंत्रालय ने कहा, "जुलाई मानसून के मौसम के साथ पड़ने से वितरण संबंधी चुनौतियां बढ़ गई हैं और पारगमन घाटा बढ़ने से कीमतें बढ़ गई हैं।" गौरतलब है कि गुजरात, मध्य प्रदेश और कुछ अन्य राज्यों के बाजारों में आने वाली आपूर्ति ज्यादातर महाराष्ट्र विशेष रूप से सतारा, नारायणगांव और नासिक से होती है, जो इस महीने के अंत तक रहने की उम्मीद है।

आंध्र प्रदेश के मदनपल्ले (चित्तूर) में भी उचित मात्रा में आवक जारी है। दिल्ली-एनसीआर में आवक मुख्य रूप से हिमाचल प्रदेश से होती है। कहीं, कुछ मात्रा कर्नाटक के कोलार से आती है। मंत्रालय ने कहा कि नासिक जिले से नई फसल की आवक जल्द होने की उम्मीद है। अगस्त में नारायणगांव और औरंगाबाद बेल्ट से अतिरिक्त आपूर्ति आने की उम्मीद है। मध्य प्रदेश से भी आवक शुरू होने की उम्मीद है। इसी उल्लेख के साथ मंत्रालय ने आश्वासन दिया, "निकट भविष्य में कीमतें कम होने की उम्मीद है।"

इसमें कोई दोराय नहीं कि टमाटर उन उत्पादों में से है, जिनका उत्पादन भारत के लगभग सभी राज्यों में होता है। मात्रा जरूर अलग अलग होती है। दक्षिणी और पश्चिमी क्षेत्रों में अधिक उत्पादन होता है, जो अखिल भारतीय उत्पादन में 56-58 प्रतिशत का योगदान देता है। साथ ही उत्पादन मौसम के आधार पर अन्य बाजारों को आपूर्ति करते हैं।

बता दें कि विभिन्न क्षेत्रों में उत्पादन सीज़न भी अलग-अलग होते हैं। कटाई का चरम मौसम दिसंबर से फरवरी तक होता है। मंत्रालय द्वारा बताया गया कि रोपण और कटाई के मौसम का चक्र और विभिन्न क्षेत्रों में भिन्नता मुख्य रूप से टमाटर की कीमत की मौसमी स्थिति के लिए जिम्मेदार है। सामान्य मूल्य मौसमी के अलावा, अस्थायी आपूर्ति श्रृंखला व्यवधान और प्रतिकूल मौसम की स्थिति की वजह से भी फसल को नुकसान, अक्सर कीमतों के बढ़ने का बड़ा कारण बनता है।

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TAGS: Centre Government, directs Nafed, NCCF, Procure tomato, AP, Karnataka, Maharashtra, Distribution, key consuming centres
OUTLOOK 12 July, 2023
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