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04 January 2017

क्या नयी टीबी दवा मरीज को दी जा सकती है : उच्च न्यायालय ने पूछा केंद्र से

गूगल

न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा ने लालाराम स्वरूप टीबी अस्पताल से इस बात पर हलफनामा देने को कहा कि क्या 18 वर्षीय मरीज बेडाक्वीलाइन दवा के लिए डब्ल्यूएचओ दिशानिर्देश एवं संशोधित राष्ट्रीय टीबी नियंत्रण कार्यक्रम की जरूरतों को पूरा करती है। यह दवा अमेरिकी दवा कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन तैयार करती है।

अदालत ने अस्पताल से टीवी उपचार के क्षेत्र के एक विशेषज्ञ की इस दलील पर भी जवाब मांगा कि वह दवा देने से पहले ड्रग संवेदनशीलता संबंधी और परीक्षण करने के दिशानिर्देश का पालन नहीं कर रहा है। मरीज के पिता के अनुसार उनकी बेटी के लिए यह अंतिम विकल्प है।

मरीज के पिता कौशल त्रिापाठी ने अनुरोध किया है कि यदि अस्पताल बिना आगे परीक्षण किए नयी दवा देने का जोखिम लेने को इच्छुक नहीं है तो उन्हें यह दवा उपलब्ध करा दी जाए और वह किसी अन्य अस्पताल या डॉक्टर के मार्गदर्शन में रो्गी को यह दवा देंगे।

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अस्पताल ने अपने बचाव में कहा कि वह इस दवा को देने के संबंध में निर्धारित नियमों का पालन कर रहा है और उनका उल्लंघन नहीं कर सकता।

हालांकि अदालत ने कहा कि मेडिकल पेशे में कभी-कभी मरीज को जोखिम के बारे में बताकर कोई निर्णय लिया जाता है और इस मामले में भी ऐसा किया जा सकता है। इस मामले में मरीज जोखिम लेने को तैयार है।

मामले की अगली सुनवाई नौ जनवरी को है।

भाषा

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TAGS: उच्च न्यायालय, टीबी की दवा
OUTLOOK 04 January, 2017
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