Advertisement
29 February 2016

बजटः दलित-आदिवासियों को नहीं मिले हिस्से के 75,773 करोड़ रुपये

गुगल

देश के आम बजट से इस बार दलितों और आदिवासियों के अधिकारों के लिए काम करने वाले समूहों को बहुत उम्मीद थी। इसकी एक बड़ी वजह यह भी थी कि इस साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में संविधान निर्माता भीमराव अंबेडकर की 125वीं जयंति बनाने की लंबी चौड़ी योजना पर काम चल रहा है और दलित वोट भाजपा के लिए खासे अहम है। इस लिहाज से यह बजट दलितों और आदिवासियों दोनों निराश करने वाला साबित हुआ। इस बजट में दलितों और आदिवासियों के हिस्से के 75,773 करोड़ रुपये गायब किए गए।

दलितों और आदिवासियों के हिस्से के सिर्फ 62,829 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इससे दलितों और आदिवासियों के एक तबके में नाराजगी है। दलित आर्थिक अधिकार आंदोलन के पॉल दिवाकर ने आउटलुक को बताया कि स्पेशल कंपोनेट प्लान और ट्राइबल सब-प्लान के तहत कुल योजना बजट का 25 फीसदी इन समुदायों के लिए जाना चाहिए। इसे बजटीय आवंटन में लागू करने के लिए लंबे समय से मांग हो रही है। जब भाजपा विपक्ष में थी तो इस बारे में कई वादे किए थे, लेकिन सरकार में आने के बाद से लगातार इसकी अवहेलना हो रही है।

हालांकि इस बजट में दलितों और आदिवासियों तथा महिला उद्योमियों को बढ़ावा देने के लिए शुरू किए गए स्टैंड अप इंडिया के मद में 500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए है, जिसकी मंजूरी पहले मंत्रीमंडल दे चुकी थी।  इसके अलावा आदिवासियो और दलितों के लिए एक राष्ट्रीय एसटी-एसटी हब बनाने की भी घोषणा हुई है, जिसके जरिए इन समुदायों के युवाओं को प्रोफेशनल राय दी जाएगी। साथ ही में बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की जयंती पर एक केंद्रीय कृषि बाजार का ई-प्लेटफॉर्म बनाया जाएगा।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: budget, dalit, scp, tsp, दलित, आदिवासियों, paul divakar
OUTLOOK 29 February, 2016
Advertisement