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18 May 2017

30 साल बाद भारतीय सेना मेें शामिल होंगी नई तोपें, पहाड़ी इलाकों में दिखाएंगी दम

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बता दें कि इंडियन आर्मी की आर्टिलरी में  काफी वर्षों से कोई नई तोप शामिल नहीं की गई। बोफोर्स डील में हुए विवाद के बाद यह स्थितियां बनी थीं। 155 एमएम की हल्की हॉवित्ज़र सेना के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

2900 करोड़ की डील

2900 करोड़ के इस सौदे के तहत अमेरिका भारत को 145 नई तोपें देगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सेना में माउंटेन स्ट्राइक कोर के गठन के बाद इस तोप की ज़रुरत बढ़ गई है। लेकिन  कई सालों से लगातार होवित्जर की क़ीमत पर बात अटकी हुई थी।

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क्यों हैं खास?

इस तोप की कई खासियत बताई जा रही है। ऑप्टिकल फायर कंट्रोल वाली हॉवित्ज़र से तक़रीबन 40 किलोमीटर दूर स्थित लक्ष्य पर सटीक निशाना साधा जा सकता है। डिजिटल फायर कंट्रोल वाली यह तोप एक मिनट में 5 राउंड फायर करती है। इसे जम्मू-कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी इलाकों में आसानी से ले जाया जा सकता है। दूसरी तोपों के मुकाबले एम 777 तोपें काफी हल्की हैं। इनको बनाने में टाइटेनियम का इस्तेमाल किया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत ये तोपें अपनी 17 माउंटेन कॉर्प्स में तैनात कर सकता है।


 

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TAGS: the Indian Army, new artillery, mountainous areas, M-777
OUTLOOK 18 May, 2017
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