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28 December 2020

‘झूठ की दीवार’ जल्द गिरेगी, कृषि कानूनों को लेकर जल्द समाधान की उम्मीद: कृषि मंत्री

ANI

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सोमवार को कहा कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के बीच "झूठ की दीवार" को "सुनियोजित तरीके" से फैलाया गया है, लेकिन यह लंबे समय तक नहीं चलेगा और किसानों का विरोध जल्द ही खत्म हो जाएगा। साथ ही उम्मीद जताई कि गतिरोध का जल्द समाधान ढूंढ लिया जाएगा।

एक महीने से अधिक समय से पंजाब, हरियाणा और उत्तरप्रदेश सहित देश के विभिन्न हिस्सों के किसान तीनों नये कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं। किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे अपना आंदोलन तेज करेंगे। अभी तक केंद्र और किसान संगठनों के बीच पांच दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन बेनतीजा रही है।

केंद्र द्वारा गतिरोध को समाप्त करने के लिए वार्ता बहाल करने के लगातार आग्रह के बाद किसान संगठनों ने बातचीत के लिए 29 दिसंबर का समय दिया था जिसके जवाब में सरकार ने किसान संगठनों को पत्र लिखकर वार्ता के लिए 30 दिसंबर को बुलाया है।

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कृषि मंत्री ने कहा कि यूपीए सरकार के दौरान, मनमोहन सिंह जी और शरद पवार कृषि सुधार कानून लाना चाहते थे, लेकिन वे दबाव और प्रभाव को बर्दाश्त नहीं कर सके। हम भाग्यशाली हैं कि आज मोदी जी हमारे पीएम हैं जो देश के विकास और लोगों के कल्याण के लिए निस्वार्थ भाव से काम करते हैं।

कन्फेडरेशन ऑफ एनजीओ ऑफ रूरल इंडिया (सीएनआरआई) की तरफ से आयोजित डिजिटल कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कृषि मंत्री ने कहा, ‘‘जल्द ही कुछ रास्ता निकलेगा और हम समाधान तक पहुंचेंगे। हर कोई जानता है कि झूठ की दीवार कभी मजबूत नहीं होती। सच्चाई सच्चाई होती है। समय आएगा जब लोग सच्चाई स्वीकार करना शुरू करेंगे।’’

उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने आंदोलनकारी किसानों के दिलों में ‘‘सुनियोजित तरीके से गलतफहमी पैदा कर दी है।’’ उन्होंने कहा कि नये कृषि कानूनों के लाभ किसानों तक पहुंचने शुरू हो गए हैं। कई किसान इन कानूनों के बारे में ‘‘सकारात्मक सोचने’’ लगे हैं लेकिन किसानों के कुछ धड़े में ‘‘भ्रम’’ बना हुआ है। मुझे उम्मीद है कि हम इन चिंताओं को दूर करने में सफल होंगे।

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OUTLOOK 28 December, 2020
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