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06 November 2019

अयोध्या पर सुप्रीम फैसले की घड़ी, भाजपा से लेकर जमीयत ने कहा- बनाए रखेंगे सांप्रदायिक सौहार्द

अयोध्या में राममंदिर और बाबरी मस्जिद मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले जमीयत उलेमा-ए-हिंद और भाजपा ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला आएगा उसे हिंदू और मुसलमान सभी वर्गों के लोग खुशी-खुशी मानेंगे।

फैसले की नजाकत को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने 'आउटलुक' से कहा कि हम सभी लोगों से अपील करते हैं कि वह कोर्ट का जो भी निर्णय हो उसका सम्मान करें। सांप्रदायिक सौहार्द बना रहे इसके लिए पार्टी सभी संबंधित पक्षों से बातचीत कर रही है। इसी सिलसिले में मुस्लिम धर्म के सभी मसलतों के प्रतिनिधियों से बातचीत हुई है। सभी का कहना है कि वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करेंगे।

'पार्टी में लोगों को उल्टी-सीधी बयानबाजी न करने की हिदायत'

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भारतीय इतिहास के सबसे अहम फैसले पर सबसे ज्यादा जिम्मेदारी और जवाबदेही भारत सरकार और भारतीय जनता पार्टी की होगी। इस पर शाहनवाज हुसैन का कहना है कि यह सैकड़ों साल का विवाद है। कई पड़ावों को पार कर आज कोर्ट के जरिए यह अंतिम फैसले की दहलीज पर पहुंचा है। पार्टी लगातार इस कोशिश में है कि सांप्रदायिक सौहार्द को बनाया रखा जाय। जिन राज्यों में हमारे सरकारें हैं और जहां नहीं है हम हर जगह जरूरी कदम उठा रहे हैं। पार्टी में साफ हिदायत दी गई है कि कोई इस मसले पर उल्टी-सीधा बयानबाजी नहीं करे।

बाबरी मस्जिद शरीयत के हिसाब से आज भी मस्जिद: मौलाना मदनी

इस मामले पर जमीयत उलेमा-ए-हिंद अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा है कि कोर्ट का जो भी निर्णय होगा उसे मुसलमान स्वीकार करेंगे। हालांकि उन्होंने कहा कि बाबरी मस्जिद, कानून और न्याय की दृष्टि में एक मस्जिद थी। वह करीब 400 साल तक मस्जिद थी इसलिए शरीयत के लिहाज आज भी वो एक मस्जिद है । साथ ही मदनी ने कहा कि बाबरी मस्जिद का केस केवल भूमि का नहीं है बल्कि यह मुकदमा देश के दस्तूर और कानून का है।

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TAGS: Verdict on Ayodhya dispute, bjp, jamiat ulama-i-hind, communal harmony supreme court
OUTLOOK 06 November, 2019
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