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20 April 2018

जांच में बाधा डालने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे राज्य सरकार: मेनका गांधी

File Photo

केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने राज्यों से महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध के मामलों में जांच को बाधित करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा। उन्होंने कहा कि न सिर्फ मामले की जांच में बाधा बल्कि ऐसे अपराधों को अंजाम देने वालों के साथ सांठगांठ करने वाले पुलिस अधिकारियों पर भी राज्य सख्त कार्रवाई करें। उन्होंने इस तरह के मामलों की समयबद्ध जांच करने की भी अपील की।

केंद्रीय मंत्री मेनका ने सुझाव दिया कि सिर्फ यौन अपराधों या बच्चों से यौन अपराधों से निपटने के लिए विशेष प्रकोष्ठ का गठन करना इस तरह के अपराधों पर रोक लगाने की दिशा में एक अहम कदम हो सकता है। उन्होंने राज्यों से यौन अपराधों के विभिन्न पहलुओं पर खासतौर पर साक्ष्य के संग्रह और संरक्षण से जुड़े पहलुओं पर अपनी-अपनी पुलिस को पुन: प्रशिक्षित करने को भी कहा।

राज्यों के मुख्यमंत्रियों को लिखे पत्र  

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न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, सभी राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों के मुख्यमंत्रियों को संबोधित एक पत्र में महिला एवं बाल विकास मंत्री ने उनसे सभी पुलिस अधिकारियों को यह निर्देश जारी करने को कहा है कि बच्चों के खिलाफ यौन अपराध के मामलों में कानून की समय सीमा के मुताबिक जांच पूरी किए जाने को अत्यधिक प्राथमिकता दी जाए।

उन पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें जो जांच में बाधा डालते हैं

जम्मू-कश्मीर के कठुआ में आठ वर्षीय एक बच्ची से बलात्कार और हत्या तथा उत्तर प्रदेश के उन्नाव में एक अन्य नाबालिग लड़की से बलात्कार की घटना के खिलाफ राष्ट्रव्यापी रोष के बीच यह पत्र जारी किया गया। उन्होंने पत्र में कहा, ‘राज्य सरकारों को अवश्य ही उन पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, जो जांच में बाधा डालते या ऐसे मामलों को अंजाम देने वालों के साथ सांठगांठ करते पाए जाएं।’

बच्चों के बीच जागरूकता पैदा करें

केंद्रीय मंत्री ने फोरेंसिक प्रयोगशालाएं खोलने में राज्य सरकारों की मदद करने की भी पेशकश की। उन्होंने राज्यों को यौन अपराधों से बाल संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम के तहत ‘ ई बॉक्स सेट अप’ का इस्तेमाल करते हुए बच्चों के बीच जागरूकता पैदा करने का भी अनुरोध किया।

महिलाओं के लिए अब तक 175 वन स्टॉप सेंटर स्थापित

अपने पत्र में मंत्री ने इस बात का भी जिक्र किया है कि हिंसा प्रभावित महिलाओं के लिए अब तक 175 वन स्टॉप सेंटर स्थापित किए गए हैं। यह उन महिलाओं की मदद के लिए खोले जा रहे हैं, जो संकट की स्थिति में पुलिस या मेडिकल सुविधा तक नहीं पहुंच पाती हैं।

राज्य सरकारों से मांगे सुझाव

पत्र में इस बात पर भी जोर दिया गया है कि पोक्सो अधिनयिम की धारा 21 उन सभी मामलों में लागू होगी, जहां रिपोर्ट या रिकॉर्ड करने में नाकामी का जिक्र होगा। मंत्री ने महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों से निपटने के तरीकों पर भी राज्य सरकारों से सुझाव मांगे हैं।

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TAGS: Take action, against cops, obstructing probe, Maneka tells states
OUTLOOK 20 April, 2018
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