Advertisement
07 August 2018

शेल्टर होम मामले में सुप्रीम कोर्ट की बिहार सरकार को फटकार, एनजीओ को क्यों दिया फंड

File Photo

सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को मुजफ्फरपुर गर्ल्स शेल्टर होम रेप मामले पर बिहार सरकार को फटकार लगाई। कोर्ट ने सरकार से पूछा कि राज्य में शेल्टर होम चलाने के लिए पैसा कहां से आता है? एनजीओ की असलियत जाने बिना फंड क्यों दिया गया? मामले में अगली सुनवाई 14 अगस्त को होगी।

मामले में स्वतं संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शेल्टर होम में रहने वाली लड़कियों से यौन शोषण की घटनाओं पर केंद्र और बिहार सरकार से जवाब मांगा था, जिस पर आज सुनवाई हुई। वहीं, बिहार की नीतीश सरकार ने इस घटना की हाईकोर्ट की निगरानी में सीबीआई जांच की मांग की है।

जस्टिस एम बी लोकुर, दीपक गुप्ता और के एम जोसफ की पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए बिहार सरकार से सवाल किया कि आप कई शेल्टर होम को 2004 से फंड दे रहे हैं। क्या आपकी जिम्मेदारी नहीं है कि शेल्टर होम जाकर निरीक्षण करें? बिहार में इतनी बड़ी घटना घट जाती है और सरकार इतनी देरी से जागती है। अब तक जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। अभी तक पीड़ित लड़कियों को मुआवजा नहीं दिया गया।

Advertisement

 सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार से इस मामले में एक अभियुक्त की पत्नी को गिरफ्तार करने के लिए कहा जिस पर कुछ नाबालिग पीड़ताओं के नाम और पहचान उजागर करने को लेकर फेसबुक पोस्ट करने का आरोप है।

कोर्ट ने देश में हर तरफ महिलाओं के साथ बलात्कार के बढ़ते मामलों पर चिंता जताई। कोर्ट ने नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो का हवाला देते हुए कहा कि यह देश में यह क्या हो रहा है। लेफ्ट, राइट और सेंटर, हर जगह बलात्कार हो रहा है।हर छह घंटे में एक महिला के साथ बलात्कार होता है। 2016 में महिलाओं के साथ बलात्कार के 38947 मामले दर्ज किए गए थे।

कोर्ट को एमीकस क्यूरी अपर्णा भट्टा ने बताया कि शेल्टर होम्स मामले की कथित पीड़िताओं को कोई मुआवजा नहीं दिया गया है तथा शेल्टर होम की एक पीड़िता अभी तक गायब है।

 

कोर्ट ने दिल्ली महिला आयोग की खिंचाई करते हुए कहा कि आयोग ने मामले में हस्तक्षेप करने की कोशिश की है तथा इसमें किसी तरह की राजनीति नहीं होनी चाहिए।

टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंट (टीआईएसएस) ने कोर्ट को बताया कि इस तरह के 110 शेल्टर होम का ऑ़डिट किया गया था जिसमें 15 की स्थिति चिंताजनक है। वहीं बिहार सरकार ने बताया कि विभिन्न एनजीओ द्वारा चलाए जा रहे 15 संस्थान में नौ के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है।

इससे पहले कोर्ट ने इलैक्ट्रानिक मीडिया को किसी भी तरह रूपांतरित करके पीड़िताओं की तस्वीर न चलाने के निर्देश दिए थे तथा पीड़िताओं से बार-बार पूछताछ करके या तस्वीर चलाकर उन्हें सदमा नहीं पहुंचाया जा सकता।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: SC, raps, shelter home, asks, giving money, state
OUTLOOK 07 August, 2018
Advertisement