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31 January 2018

‘एक साथ चुनाव’ की बात, एक और ‘चुनावी जुमला’- पी चिदम्बरम

File Photo

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव साथ कराने की वकालत करने के एक दिन बाद कांग्रेस नेता पी.चिदम्बरम ने इसे एक और ‘‘चुनावी जुमला’’ करार दिया। उन्होंने कहा कि वर्तमान संवैधानिक प्रावधानों के तहत ऐसा नहीं किया जा सकता है।

अपनी पुस्तक ‘स्पीकिंग ट्रुथ टू पावर’ के जारी होने के बाद परिचर्चा में चिदम्बरम ने कहा कि भारत का संविधान किसी भी सरकार को निश्चित कार्यकाल नहीं प्रदान करता है और जबतक उसमें संशोधन नहीं किया जाता है तब तक कोई भी एक साथ चुनाव नहीं करा सकता।

चिदंबरम ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा, ‘संसदीय लोकतंत्र में खासकर जब हमारे यहां 30 राज्य हैं, तब वर्तमान संविधान के तहत आप एक साथ चुनाव नहीं करा सकते।’ उन्होंने कहा, ‘यह एक और चुनावी जुमला है। जैसे ‘एक राष्ट्र एक कर जुमला है।  वैसे अब ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ भी एक जुमला है।

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पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कोई भी व्यक्ति कुछ चुनावों की तारीखें पहले कर और कुछ की आगे बढ़ाकर कृत्रिम तौर पर एक साथ चुनाव (होता हुआ) नहीं कर सकता है, कोई भी व्यक्ति संसदीय चुनाव और पांच-छह राज्यों के ‌विध्‍ाानसभ्‍ाा चुनाव एक साथ तो करा  सकता है लेकिन सभी 30 राज्यों के साथ नहीं।

उन्होंने कहा, ‘कल यदि कोई सरकार गिर जाती है तो फिर क्या होगा? क्या आप उसे बाकी चार साल के लिए राष्ट्रपति शासन में रखेंगे। यह नहीं किया जा सकता। चिदम्बरम की पुस्तक पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने जारी की।

बता दें कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवरा को संसद के दोनों सत्रों के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करते हुए लोकसभा और विधानसभा चुनाव साथ कराने की वकालत की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कुछ समय से इसकी वकालत कर रहे हैं।

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TAGS: Simultaneous polls, an election jumla, Chidambaram
OUTLOOK 31 January, 2018
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