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03 July 2018

सुनंदा पुष्कर मामले में शशि थरूर ने पटियाला कोर्ट में दाखिल की अग्रिम जमानत याचिका

File Photo

सुनंदा पुष्कर मौत मामले में कांग्रेस नेता शशि थरूर ने मंगलवार को पटियाला हाउस कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की है जिस पर कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा है। कोर्ट थरूर की अग्रिम जमानत याचिका पर बुधवार को सुनवाई करेगा।

दिल्‍ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने शशि थरूर को आरोपी के तौर पर समन जारी करते हुए इस मामले में सात जुलाई को अपने समक्ष पेश होने का आदेश दिया था।

शशि थरूर के वकील विकास पाहवा ने अग्रिम जमानत याचिका की दलील में कहा है कि बिना गिरफ्तारी किए विशेष जांच टीम पहले ही चार्जशीट दाखिल कर चुकी है जिससे साफ है कि जांच पूरी हो चुकी है और किसी गिरफ्तारी की जरूरत नहीं है। पाहवा ने कहा, 'कानून में साफ है कि अगर बिना गिरफ्तारी के चार्जशीट दाखिल कर दी जाए तो जमानत देना जरूरी हो जाता है। इसलिए सात जुलाई को कोर्ट में पेशी के लिए केवल संरक्षण की मांग की जा रही है।' विशेष जज अरविंद कुमार दलील सुनने के बाद दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा है।

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पिछली सुनवाई में पुलिस ने अदालत से कहा था कि थरूर को साढ़े चार साल पुराने मामले में आरोपी के तौर पर तलब किया जाना चाहिये। पुलिस ने दावा किया था कि उनके पास पर्याप्त सबूत हैं। दिल्ली पुलिस ने तकरीबन तीन हजार पेज के आरोप पत्र में थरूर को एकमात्र आरोपी के तौर पर नामजद किया था। पुलिस ने आरोप लगाया था कि उन्होंने अपनी पत्नी के साथ क्रूरता की। थरूर के घरेलू नौकर नारायण सिंह को मामले में एक महत्वपूर्ण गवाह बनाया गया है।

हालांकि थरूर अपने ऊपर लगे आरोपों से इंकार कर चुके हैं। उनका कहना है कि मेरे खिलाफ लगाए गए आरोप बेबुनियाद और आधारहीन है। थरूर ने अपनी सफाई में एक पत्र जारी किया था। इसमें उन्‍होंने कहा था, 'मुझ पर जो आरोप लगए गए हैं, वो अनर्गल और आधारहीन हैं। मेरे खिलाफ द्वेषपूर्ण और बदला लेने के उद्देश्‍य से अभियान चलाया जा रहा है।'

सुनंदा पुष्कर 17 जनवरी, 2014 को दिल्ली के एक होटल में मृत पायी गई थीं। कांग्रेस नेता पर आईपीसी की धारा 498 ए (क्रूरता) और 306 (आत्महत्या के लिये उकसाने) के आरोप लगाए गए हैं। धारा 498 ए के तहत अधिकतम तीन साल के कारावास की सजा का प्रावधान है जबकि धारा 306 के तहत अधिकतम 10 साल की जेल हो सकती है।

 

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TAGS: Shashi Tharoor, anticipatory bail, Sunanda Pushkar, death case
OUTLOOK 03 July, 2018
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