सरकारी विज्ञापनों के दुरुपयोग मामले में सुप्रीम कोर्ट का केंद्र, भाजपा, छह राज्यों को नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी विज्ञापनों के कथित रुप से दुरुपयोग मामले में केंद्र, भाजपा और छह राज्यों को नोटिस जारी कर चार हफ्तों में जवाब मांगा है।
भाजपा शासित राज्यों उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड और छत्तीसगढ़ के अलावा तेलंगाना पर सरकारी विज्ञापनों के जरिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के उल्लंघन का आरोप है। मामले में आप नेता संजीव झा ने याचिका दाखिल की थी, जिस पर कोर्ट सुनवाई को तैयार हो गया है। याचिका में आरोप लगाया है कि भाजपा शासित राज्यों में सरकारें राजनीतिक हस्तियों के प्रचार के लिए जिन विज्ञापनों को जारी कर रही हैं उनमें जनता के पैसों का दुरुपयोग हो रहा है। यह सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन है।
कोर्ट ने दिए थे दिशा निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने 18 मार्च 2016 को अपने फैसले को संसोधित करते हुए कहा था कि विज्ञापनों में केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री, राज्यपाल और राज्य मंत्रियों की तस्वीरें लगाई जा सकती हैं। कोर्ट ने यह फैसला उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल और असम की सरकारों की पुनर्विचार याचिका पर दिया था, जिसमें सरकारी विज्ञापनों में राज्यपाल, मुख्यमंत्री और मंत्रियों की तस्वीर के इस्तेमाल की इजाजत की मांगी गयी थी। इससे पहले 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि सरकारी विज्ञापनों के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित करने को कहा था तथा राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्य न्यायाधीश के अलावा किसी और की तस्वीर के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाई थी।