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08 February 2018

रोहिणी आश्रम से 'विश्वविद्यालय' शब्द हटाया जाएः दिल्ली हाई कोर्ट

file photo

दिल्ली हाईकोर्ट ने रोहिणी स्थित आध्यात्मिक विश्वविद्यालय को निर्देश दिए हैं कि इस संस्थान से तत्काल 'विश्वविद्यालय' शब्द को हटाया जाए क्योंकि यह यूजीसी के नियमों को पूरा नहीं करता है।

कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और जस्टिस सी हरी शंकर की पीठ ने कहा कि आश्रम द्वारा विश्वविद्यालय शब्द का इस्तेमाल पूरी तरह कानून के विपरीत है। आध्यात्मिक विश्वविद्यालय कोई वैधानिक इकाई नहीं है और न ही विश्वविद्यालय के तौर पर प्रतिनिधित्व करती है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के मुताबिक, आश्रम विश्वविद्यालय नहीं है लिहाजा इसे विश्वविद्यालय के तौर पर पेश नहीं किया जा सकता। विश्वविद्यालय को कोई कानूनी दर्जा प्राप्त नहीं था। यह न तो पंजीकृत सोसायटी है और न ही कंपनी कानून के तहत कोरपोरेट संस्था है। इस नाते संस्थान विश्वविद्यालय शब्द का इस्तेमाल नहीं कर सकता।

हाईकोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि सीबीआई रोहिणी आश्रम के संस्थापक वीरेंद्र देव दीक्षित के जांच में सहयोग न करने के लिए खिलाफ सभी कानून सम्मत कदम उठाए। याचिका में वीरेंद्र देव दीक्षित के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए गए हैं।  इससे पहले सीबीआई ने हाईकोर्ट को कहा था कि आश्रम के संस्थापक दीक्षित के खिलाफ लुक आउट कार्नर जारी किया गया है जिस पर आश्रम में लड़कियों और महिलाओं को गलत तरह से रोकने का आरोप है। एक एऩजीओ द्वारा दायर जनहित याचिका में रोहिणी स्थित आध्यात्मिक विश्वविद्यालय में यह आरोप लगाए गए हैं।

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TAGS: remove, vishwavidyalaya, HC, ashram, rohini, आध्यात्मिक, विश्वविद्यालय
OUTLOOK 08 February, 2018
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