Advertisement
19 January 2023

लखीमपुर खीरी हिंसा: सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत याचिका पर सुरक्षित रखा फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत याचिका पर अपना फैसला गुरूवार को सुरक्षित रख लिया। बता दें कि आशीष मिश्रा केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा का बेटा है।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जे. के. माहेश्वरी की पीठ ने उत्तर प्रदेश की अतिरिक्त महाधिवक्ता गरिमा प्रसाद और वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी तथा दुष्यंत दवे की दलीले सुनने के बाद कहा, ‘‘ हम फैसला सुनाएंगे।’’ प्रसाद ने आशीष मिश्रा की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि यह अपराध जघन्य एवं गंभीर है।

उत्तर प्रदेश की अतिरिक्त महाधिवक्ता गरिमा प्रसाद ने न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जे. के. माहेश्वरी की पीठ से कहा कि अपराध गंभीर है। उन्होंने कहा, ‘‘ यह एक गंभीर व जघन्य अपराध है और इससे (जमानत देने से) समाज में गलत संदेश जाएगा।’’ अदालत ने उनसे पूछा था कि वह किसी आधार पर जमानत याचिका का विरोध कर रही हैं।

Advertisement

शीर्ष अदालत ने कहा कि गंभीर व जघन्य अपराध को लेकर दो तथ्य हैं और वह दोनों में किसी पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकते। पीठ ने पूछा, ‘‘ हम प्रथम दृष्टया यह मान रहे हैं कि वह घटना में शामिल था और वह आरोपी है, निर्दोष नहीं।’’

जमानत याचिका का विरोध कर रहे लोगों की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने कहा कि जमानत देने से समाज में गलत संदेश जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘ यह एक सोची-समझी साजिश के तहत की गई हत्या है। मैं आरोपपत्र के जरिए साबित करूंगा… वह एक प्रभावशाली व्यक्ति का बेटा है जिसका प्रतिनिधित्व एक प्रभावशाली वकील कर रहे हैं।’’

मिश्रा की ओर से अदालत में पेश हुए मुकुल रोहतगी ने दवे के प्रतिवेदन का विरोध करते हुए कहा, ‘‘ यह क्या बात है? कौन प्रभावशाली है? हम यहां हर दिन आ रहे हैं। क्या जमानत न देने का यह आधार हो सकता है?’’

रोहतगी ने कहा कि उनका मुवक्किल एक साल से अधिक समय से हिरासत में है और जिस तरह से सुनवाई चल रही है, उसके पूरा होने में सात से आठ साल लग जाएंगे। उन्होंने कहा कि जगजीत सिंह मामले में शिकायतकर्ता हैं कोई चश्मदीद गवाह नहीं हैं और उनकी शिकायत सिर्फ सुनी सुनाई बातों पर आधारित है। शीर्ष अदालत ने सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद आशीष मिश्रा की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख दिया।

गौरतलब है कि तीन अक्टूबर 2021 को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में उस समय हुई हिंसा में आठ लोग मारे गए थे, जब किसान क्षेत्र में उत्तर प्रदेश के तत्कालीन उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे का विरोध कर रहे थे।

उत्तर प्रदेश पुलिस की प्राथमिकी के अनुसार, एक एसयूवी ने चार किसानों को कुचल दिया था, जिसमें आशीष मिश्रा भी सवार था। घटना से आक्रोशित किसानों ने एसयूवी के चालक और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दो कार्यकर्ताओं की कथित तौर पर पीट पीटकर जान ले ली थी। हिंसा में एक पत्रकार भी मारा गया था।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Lakhimpur Kheri violence, Supreme Court, reserves order, bail plea, Ashish Mishra, Union Minister Ajay Kumar Mishra
OUTLOOK 19 January, 2023
Advertisement