ऑस्ट्रेलिया ग्रुप का सदस्य बना भारत, NSG में दावा हुआ मजबूत
भारत अब ऑस्ट्रेलिया ग्रुप का सदस्य बन गया है। यह ग्रुप केमिकल और बायोलॉजिकल एजेंट्स के निर्यात पर अपने नियंत्रण के जरिए सुनिश्चित करता है कि इससे रासायनिक या जैविक हथियार न बन सके। उम्मीद की जा रही है कि इसके साथ ही न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप (एनएसजी) में सदस्यता के लिए भी भारत की दावेदारी और मजबूत होगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट करके ऑस्ट्रेलिया का शुक्रिया अदा किया है और कहा है कि पिछले दो वर्षों में एमटीसीआर, वासेनार और एजी ग्रुप में मिली भारत की सदस्यता से एनएसजी में दावेदारी को मजबूती तो मिलती ही है, यह वैश्विक शांति और सुरक्षा के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।
I thank Australia and other members of the Australia Group for export control for supporting India's entry in it.
— Narendra Modi (@narendramodi) January 20, 2018
Over the last two years, India’s membership of MTCR, Wassenaar Arrangement & Australia Group reaffirms India's strong non-proliferation credentials & also our commitment to global peace and security.
— Narendra Modi (@narendramodi) January 20, 2018
ऑस्ट्रेलिया ग्रुप ने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘19 जनवरी 2018 को भारत औपचारिक रूप से ऑस्ट्रेलिया ग्रुप (एजी) का सदस्य बन गया है। यह देशों का सहकारी और स्वैच्छिक समूह है जो उन सामग्रियों, उपकरणों और प्रौद्योगिकियों के प्रसार को रोकने के लिए काम कर रहा है जो देशों या आतंकवादी संगठनों की ओर से रासायनिक और जैविक हथियारों के विकास या अधिग्रहण में योगदान दे सकता है।’
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि एजी ने आम राय के जरिए लिए गए फैसले में भारत को ग्रुप के 43वें भागीदार के तौर पर शामिल किया। एजी में भारत के प्रवेश पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि यह ‘परस्पर लाभदायक होगा और अप्रसार के मकसद में मदद करेगा।’ कुमार ने कहा कि एजी की सदस्यता से अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा एवं अप्रसार उद्देश्यों को प्राप्त करने में मदद मिलेगी।