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08 December 2017

वेंकैया नायडू का सवाल, मां नहीं तो क्या अफजल गुरु को सलाम करोगे?

File Photo

उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने वंदे मातरम कहने पर कुछ लोगों की आपत्तियों पर परोक्ष रूप से निशाना साधा है। नायडू ने कहा कि वंदे मातरम कहने पर आपत्ति क्यों है? सवालिया अंदाज में उन्होंने कहा कि अगर मां को सलाम नहीं करेंगे तो क्या अफजल गुरु को सलाम करेंगे?

गुरुवार को एक कार्यक्रम में नायडू ने सवाल किया, 'वंदे मातरम माने मां तुझे सलाम। क्या समस्या है? अगर मां को सलाम नहीं करेंगे तो क्या अफजल गुरु को सलाम करेंगे?' नायडू विश्व हिंदू परिषद के पूर्व अध्यक्ष अशोक सिंघल की पुस्तक के विमोचन के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने राष्ट्रवाद को परिभाषित करने का प्रयास करने वाले लोगों का उल्लेख करते हुए कहा कि वंदे मातरम का मतलब मां की प्रशंसा करना होता है। उन्होंने कहा, 'यह इस देश में रह रहे 125 करोड़ लोगों के बारे में है, चाहे उनकी जाति, रंग, पंथ या धर्म कुछ भी हो। वे सभी भारतीय हैं।'

नायडू ने हिंदुत्व पर सुप्रीम कोर्ट के 1995 के फैसले का उल्लेख किया, जिसमें कहा गया है कि यह कोई धर्म नहीं बल्कि जीवन जीने का एक तरीका है। उन्होंने कहा कि हिंदुत्व भारत की संस्कृति और परंपरा है, जो विभिन्न पीढ़ियों से गुजरा है। उपासना के अलग-अलग तरीके हो सकते हैं, लेकिन जीवन जीने का एक ही तरीका है और वह है हिंदुत्व।

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उपराष्ट्रपति ने कहा कि हमारी संस्कृति वसुधैव कुटुम्बकम सिखाती है, जिसका मतलब है कि विश्व एक परिवार है। उन्होंने सिंघल पर कहा कि वह हिंदुत्व के समर्थकों में से एक थे और उन्होंने अपने जीवन के 75 वर्ष भविष्य की पीढ़ियों के लाभ के लिए समर्पित कर दिए।

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TAGS: don't, salute, your mother, salute, Afzal Guru, Naidu
OUTLOOK 08 December, 2017
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