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15 May 2020

राज्य रोकें मजदूरों का पलायन, हम कैसे रोक सकते हैं: सुप्रीम कोर्ट

आउटलुक

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को प्रवासी श्रमिकों को उनके घर वापस भेजने की याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है। वकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने प्रवासी मजदूरों की ट्रेन और सड़क दुर्घटनाओं में हुई मौतों का हवाला देते हुए यह याचिका दायर की थी। न्यायमूर्ति एसके कौल और न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि अदालत अखबार की खबरों के आधार पर हस्तक्षेप नहीं कर सकती, मामले में राज्यों को कार्रवाई करनी चाहिए। पीठ ने कहा कि हम इसे कैसे रोक सकते हैं? इस बारे में राज्य सरकारें फैसला करें।

'अदालत के लिए इस बात की निगरानी करना असंभव'

याचिकाकर्ता ने सुनवाई के दौरान गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के सामने कहा कि कल 16 मजदूर हाइवे पर भी मरे हैं। एमपी के उना और यूपी के सहारनपुर में मजदूर की मौत हुई है। जस्टिस एलएन राव ने कहा कि लोग सड़क पर चल रहे हैं तो उन्हें कैसे रोका जा सकता है। जस्टिस संजय किशन कौल ने इस दौरान कहा कि याचिकाकर्ता की याचिका न्यूजपेपर पर आधारित है। आप कैसे उम्मीद करते हैं कि कोर्ट इस तरह का आदेश पारित करेगा। इस मामले में सरकारों को काम करने दिया जाए और ऐक्शन लेने दिया जाए। लोग सड़क पर जा रहे हैं। पैदल चल रहे हैं। नहीं रुक रहे, तो हम क्या सहयोग कर सकते हैं? इस पर न्यायमूर्ति राव ने भी कहा कि अदालत के लिए ये असंभव है कि वह इस बात की निगरानी करे कि कौन चल रहा है और कौन नहीं। 

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क्या श्रमिकों को घर वापस जाने से रोकने का कोई साधन है?

इस पर केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कोर्ट ने पूछा कि क्या श्रमिकों को घर वापस जाने से रोकने का कोई साधन है। इस पर मेहता ने कहा कि राज्य अंतरराज्यीय परिवहन प्रदान कर रहे हैं, लेकिन अगर लोगों को गुस्सा आता है और परिवहन के इंतजार के बजाय पैदल चलना शुरू किया जाए, तो कुछ भी नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हम केवल अनुरोध कर सकते हैं कि लोगों को चलना नहीं चाहिए. लोगों को रोकने के लिए बल प्रयोग करना ठीक नहीं होगा।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत में कहा कि सरकार प्रवासी मजदूरों की पहले से मदद कर रही है। मजदूर अपनी बारी का इंतजार भी नहीं कर रहे हैं और पैदल अपने घर को चलने लगते हैं। सभी जाना चाहते हैं। उन्हें पैदल जाने के बजाय अपनी बारी का इंतजार करना चाहिए।  

जारी है मजदूरों का पलायन

कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लगभग 50 दिन पहले से जारी लॉकडाउन के बीच देश के विभिन्न शहरों से हजारों प्रवासी श्रमिक अपने बच्चों और सामान के साथ घर वापसी कर रहे हैं। केंद्र ने इन मजदूरों को उनके मूल स्थान पर वापस भेजने के लिए विशेष ट्रेनों की शुरुआत की है, लेकिन बावजूद इसके श्रमिकों का पलायन जारी है। वहीं, मजदूरों का कहना है कि संसाधनों की कमी, भोजन और काम के अवसर नहीं होने की वजह से उनके पास घर लौटने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।  

 

 

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TAGS: 'How Can We Stop Them From Walking?, Let States Decide', SC, Migrant Workers, Trudging On Roads
OUTLOOK 15 May, 2020
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