Advertisement
08 February 2018

ताजमहल के संरक्षण पर यूपी सरकार चार सप्ताह में दाखिल करे विजन डाक्यूमेंटः सुप्रीम कोर्ट

File Photo

सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को ताजमहल के संरक्षण और रखरखाव पर चार सप्ताह में विजन डाक्यूमेंट दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।

कोर्ट ने राज्य सरकार की तरफ से पेश भारत के एडीशनल सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता से यह बताने को कहा है कि ताज के आसपास चमड़ा उद्योग और होटल वगैरा जैसी गतिविधियां अचानक कैसे बढ़ गई हैं। जस्टिस एम बी लोकुर और दीपक गुप्ता की पीठ ने कहा कि ताज ट्रैपीजियम जोन (टीटीजेड) की योजना पर राज्य सरकार अपना विजन डाक्यूमेंट चार सप्ताह में पेश करें। मेहता ने कोर्ट को कहा कि वह इस बारे में राज्य सरकार से जानकारी लेकर कोर्ट को बताएंगे।

मालूम हो कि टीटीजेड उत्तर प्रदेश के आगरा, फिरोजाबाद, मथुरा, हाथरस और एटा के अलावा राजस्थान के भरतपुर जिलों के 10400 वर्ग किलोमीटर के दायरे में फैला है। यूनेस्को विरासत में शामिल ऐतिहासिक धरोहर को आगरा के 2021 तक के लिए तैयार मास्टर प्लान में भी शामिल किया गया है।

Advertisement

इस बीच राज्य सरकार ने एक अर्जी दाखिल कर आगरा शहर में पानी की आपूर्ति के लिए डाली जा रही पाइप लाइन के लिए 234 पेड़ काटने की मंजूरी भी मांगी है। पीठ ने राज्य सरकार से पूछा कि वह बताए कि टीटीजेड में कितने पेड़ लगाए जा चुके हैं। पर्यावरणविदों के एक दलील पर कोर्ट ने ऐतिहासिक स्मारक की सुरक्षा और संरक्षण को लेकर सुनवाई के दौरान कहा था कि ताजमहल के आसपास ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाए जाएं।

पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ताज ट्रैपीजियम जोन (टीटीजेड) प्राधिकरण को विस्तृत कार्य योजना के साथ कोर्ट में हाजिर होने को कहा था ताकि इस मुगल मकबरे को सुरक्षित रखा जा सके। इससे पहले राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने राज्य सरकार को कहा था कि आसपास के अवैध रेस्टोरेंटों को हटाया जाए और पेड़ लगाया जाए जिससे कि इस ऐतिहासिक इमारत की चमक बरकरार रखा जाए।

 

 

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: SC, tajmahal, protection, vision document, ताज महल, विजय डाक्यूमेंट, यूपी सरकार
OUTLOOK 08 February, 2018
Advertisement