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27 May 2020

हेल्थवर्कर्स के नए एसओपी पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब, 14 दिन के अनिवार्य क्वारेंटाइन को कर दिया है खत्म

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सुप्रीम कोर्ट ने कोविड-19 के खिलाफ जंग में फ्रंट लाइन हेल्थवर्कर्स के लिए 14 दिन के क्वारेंटाइन की अनिवार्यता खत्म करने संबंधी नए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (एसओपी) पर केन्द्र से जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने केन्द्र की ओर से पेश सालिसिटर जनरल तुषार मेहता को अगले सप्ताह तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।

जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एम आर शाह की पीठ ने डॉक्टर आरूषि जैन की  लंबित याचिका पर वीडियो कांफ्रेन्सिग के जरिए सुनवाई की। डॉक्टर आरूषि ने अपनी याचिका में केन्द्र के नए एसओपी में कोविड-19 की जंग में फ्रंट लाइन  के हेल्थवर्कर्स के लिए 14 दिन के क्वारेंटाइन की अनिवार्यता खत्म करने पर सवाल उठाया है।

अतिरिक्त दस्तावेज दाखिल करने को दी अनुमति

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पीठ ने अपने आदेश में कहा कि अतिरिक्त दस्तावेज दाखिल करने की अनुमति दी जाती है। सालिसीटर जनरल के अनुरोध पर इस मामले को अगले सप्ताह लिस्ट किया जाए ताकि वह इस संबंध में रिपोर्ट दाखिल कर सकें। एडवोकेट मिट्ठू जैन और अर्जुन स्याल के माध्यम से दाखिल हलफनामे में कहा गया है कि केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक ने 15 मई को कोविड-19 और गैर कोविड-19 क्षेत्र में काम कर रहे अस्पतालों के हेल्थवर्कर्स के प्रबंधन के बारे में एडवाइजरी जारी की है। इसमें हेल्थवर्कर्स के लिए एहतियाती उपायों, एकांतवास और आइसोलेशन के बारे में प्रावधान किया गया है।

जारी की थी एडवाइजरी

हलफनामे में कहा गया है कि एडवाइजरी के अनुसार, कोविड-19 के दौरान तैनात हेल्थवर्कर्स के लिए सलाह दी गई है। इस एडवाइजरी में सभी हेल्थवर्कर्सके लिए 14 दिन का अनिवार्य क्वारेंटाइन खत्म कर दिया गया है। इसमें कहा गया है कि केन्द्र की इस एडवाइजरी के बाद कर्नाटक सरकार ने 16 मई को एक सर्कुलर जारी किया जिसके अनुसार हेल्थवर्कर्स हमेशा पूरे पीपीई का इस्तेमाल करते हैं और जिनमें इसके लक्षण नहीं हैं, उन्हें क्वारेंटाइन करने की जरूरत नहीं है।

कोर्ट ने पूछा था उपायों के बारे में  

सुप्रीम कोर्ट ने 15 मई को केन्द्र से कहा था कि कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित मरीजों का इलाज कर रहे डाक्टरों और हेल्थवर्कर्स के अस्पताल के आसपास ही आवासों में आइसोलेशन के बारे में किये गये उपायों से उसे अवगत कराया जाए। आरूषि जैन की ओर से सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने कहा था कि सरकारी अस्पतालों में सात से 14 दिन की ड्यूटी पूरी करने वाले रेजीडेन्ट डाक्टरों के लिए आइसोलेशन की व्यवस्था की अपेक्षा की जाती है। मेहता ने कहा था कि जरूरी  कदम पहले से ही उठाए जा रहे हैं, लेकिन अगर किसी विशेष मामले  में कोई गड़बड़ी है, तो इसे सरकार के ध्यान में लाया जा सकता है और इसे हल किया जाएगा।

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OUTLOOK 27 May, 2020
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