Advertisement
06 February 2017

दिल्ली पुलिस में हैं जरूरत से अधिक लोग : उच्च न्यायालय

गूगल

उच्च न्यायालय ने आज कहा, आपके यहां जरूरत से अधिक कर्मचारी हैं। प्रत्येक जिप्सी में तीन से चार अधिकारी होते हैं। वे सभी अपने व्यक्तिगत वाहन चलाते हैं, ऐसे में उनको चालक की जरूरत क्यों है। एक चालक ही सबकुछ करने में सक्षम है।

न्यायालय ने कहा, जरूरत पड़ने पर और लोगों को बुलाया जा सकता है। आप किसी जिप्सी के बगल से गुजरते हैं तो देखते हैं कि उसमें क्या होता है।

गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस ने कहा था कि खास तौर पर बाल कल्याण के लिए एक अधिकारी तैनात करने से पहले उन्हें और लोगों की जरूरत पड़ेगी।

Advertisement

लापता बच्चों को लेकर दायर एक याचिका पर सुनवाई के दौरान दिल्ली उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति जी एस सिस्तानी और न्यायमूर्ति जयंत मेहता की पीठ ने यह बात कही। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने इस तरह के प्रत्येक मामले में प्रयुक्त मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) को आज केंद्र सरकार के समक्ष रखा।

केंद्र सरकार के वकील अनिल सोनी द्वारा प्रस्तुत एसओपी का संग्यान में लेते हुए अदालत ने कहा कि हम रूपये, समय खर्च करते हुए प्रयास कर रहे हैं, इसके बावजूद हमें इच्छित परिणाम नहीं मिल पा रहा है क्योंकि बहुत ही कम मामलों में लापता बच्चों का पता लग पाता है।

न्यायमूर्ति सिस्तानी और न्यायमूर्ति मेहता की पीठ ने कहा कि हमारी व्यवस्था में और कानून में खामी नहीं है बल्कि, हम क्रियान्वयन में पीछे हैं। क्रियान्वयन बड़ी समस्या है।

पीठ ने कहा कि इस चीज की नियमित निगरानी होनी चाहिए। जिपनेट को हर छह घंटे पर खंगाला जाना चाहिए जहां लापता बच्चों के फोटो अपलोड किये जाते हैं। न्यायालय ने केंद्र और दिल्ली पुलिस से चेहरे से पहचान किये जाने से जुड़े एक सॉफ्टवेयर का प्रस्ताव देने का निर्देश दिया।

दिल्ली पुलिस की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राहुल मेहरा ने कहा कि सॉफ्टवेयर की शुरुआत के लिए गृह मंत्रालय की मंजूरी की प्रतीक्षा की है।

भाषा

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Delhi High Court, Delhi Police, crime detection, law and order, the force is "overstaffed"
OUTLOOK 06 February, 2017
Advertisement