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26 April 2018

पूर्व IPS डीजी वंजारा ने किया आसाराम का बचाव, कहा- ‘संतों' की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश

File Photo

राजस्थान की एक अदालत द्वारा नाबालिग से बलात्कार एक मामले में आसाराम को दोषी ठहराए जाने का गुरुवार को जहां विश्व हिंदू परिषद ( विहिप) ने स्वागत किया है। वहीं, गुजरात के पूर्व आईपीएस अधिकारी डीजी वंजारा ने आसाराम को सुनाई गई सजा को गलत ठहराया है।

विहिप के नव नियुक्त प्रमुख विष्णु कोकजे ने इस मामले में कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह उन स्वयंभू पाखंडी बाबाओं के लिए एक सबक है जो अपने ‘अनैतिक' कृत्यों से हिंदू धर्म को बदनाम करते हैं।

संतों' की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश

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गुजरात के पूर्व आईपीएस अधिकारी डी जी वंजारा ने कहा है कि पीड़िता के साथ ‘कभी बलात्कार नहीं हुआ' और पूरा मामला ‘गलत तरीके से छूने' का था। वंजारा अपने को आसाराम का शिष्य भी बताते है। उन्होंने कहा कि इस तरह के मामलों के जरिए आसाराम जैसे ‘संतों' की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की जा रही है जो देश, हिंदू या सनातन धर्म के ‘ हित' में नहीं है।

गुरुवार को सुनाई गई थी आसाराम को सजा

गौरतलब है कि पांच साल पहले जोधपुर के निकट मनाई क्षेत्र के एक आश्रम में एक किशोरी के साथ बलात्कार के मामले में जोधपुर की एक अदालत ने बुधवार को आसाराम को दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई।

वंजारा का दावा- प्राथमिकी में नहीं है बलात्कार का कोई जिक्र

पीटीआई के मुताबिक, अहमदाबाद में मोटेरा क्षेत्र के आसाराम के आश्रम के बाहर संवाददाताओं से बात करते हुए वंजारा ने कहा कि इस पूरे मामले का लक्ष्य आसाराम जैसे संतों की छवि खराब करने का था। वंजारा ने दावा किया, ‘अगर आप इस मामले की प्राथमिकी और आरोपपत्र को देखेंगे तो पाएंगे कि बलात्कार का कोई जिक्र नहीं है। यहां तक कि मुकदमे के दौरान भी पीड़िता ने कभी यह आरोप नहीं लगाया कि आसाराम ने उसके साथ बलात्कार किया। प्राथमिकी के अनुसार, पीड़ितो को सिर्फ गलत तरीके से छुआ गया था।

इन मामलों में आरोपी हैं डीजी वंजारा

गौरतलब है कि गुजरात के पूर्व डीआईजी डी.जी वंजारा को साल 2007 में सोहराबुद्दीन शेख, तुलसी प्रजापति और इशरत जहां के कथित फर्जी मुठभेड़ मामले में सीबीआई ने आरोपी बनाया था। हालांकि उन्हें शेख और प्रजापति के मुठभेड़ मामले से बरी कर दिया गया जबकि इशरत जहां का मामला अब भी चल रहा है।

9 साल तक जेल में रहने के बाद जेल से बाहर आने के बाद वंजारा ने राजनीति में आने की इच्छा जताई थी। हालांकि अभी तक उन्होंने अपनी राजनीतिक पारी तो नहीं शुरू की है लेकिन वंजारा आसाराम के पुराने भक्त रहे हैं। वो पहले भी आसाराम का बचाव कर चुके हैं।

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TAGS: Cases against, seers, like Asaram, not in interest, India and Sanatan religion, Vanzara
OUTLOOK 26 April, 2018
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