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22 December 2018

मनीष सिसोदिया के खंडन के बाद अलका लांबा ने कहा, मैं इस्तीफा नहीं दे रही हूं

File Photo

1984 सिख विरोधी दंगा मामले को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लेने की मांग वाला प्रस्ताव दिल्ली विधानसभा में शुक्रवार को पारित किए जाने के बाद मामला में कई ट्विस्ट आए। अब अलका लांबा ने इस्तीफे की खबरों पर कहा कि मैं इस्तीफा नहीं दे रही हूं। इससे पहले इस्तीफा मांगे जाने की खबर का दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने खंडन किया और कहा लांबा से इस्तीफा नहीं मांगा गया है, ना ही कोई इस्तीफा हुआ है।

इससे पहले अलका लांबा के मुताबिक, इस मामले के चलते मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उनसे इस्तीफा तक मांग लिया था। बताया जा रहा था कि लांबा शनिवार को अपनी इस्तीफा दे देंगी।

इस मामले में प्रवक्ता सोमनाथ भारती पर कार्रवाई करते हुए उनको पार्टी प्रवक्ता के पद से हटा दिया गया है। शुक्रवार की शाम आम आदमी पार्टी के लिए काफी हलचल भरा साबित हुआ।

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न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक, इस बारे में दिल्ली विधानसभा स्पीकर रामनिवास गोयल ने सफाई पेश की है। उन्होंने बताया कि मूल प्रस्ताव 1984 दंगे से जुड़ा था और उसमें राजीव गांधी का नाम नहीं था। स्पीकर ने बताया कि विधायक जरनैल सिंह ने अपने भाषण में राजीव गांधी का नाम जोड़ा था।

अलका लांबा ने किया था प्रस्ताव का विरोध

दरअसल, दिल्ली की ‘आप’ सरकार के 1984 सिख विरोधी दंगों के विरोध में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लेने के लिए दिल्ली विधानसभा में शुक्रवार को एक प्रस्ताव लाया गया था, जिसके बाद अलका लांबा ने विरोध करते हुए सदन से वॉक आउट कर दिया था। वॉक आउट के बाद उन्होंने कहा था कि इसका जो भी परिणाम होगा वह भुगतने को तैयार हैं। हालांकि बाद में आम आदमी पार्टी ने इस प्रस्ताव पर यू-टर्न ले लिया।

पार्टी ने मुझसे इस्तीफा मांगा क्योंकि मैं पार्टी के फैसले के खिलाफ खड़ी हुई

चांदनी चौक से आम आदमी पार्टी विधायक ने कहा, ‘मेरे वॉक आउट के बाद मुख्यमंत्री ने मुझे मैसेज किया कि मैं अपना इस्तीफा दे दूं’। विधायकी छोड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘मैंने पार्टी की टिकट पर चुनाव जीता है, पार्टी चाहती है तो मैं इस्तीफा देने को तैयार हूं’। लांबा ने आगे कहा, ‘राजीव गांधी ने देश के लिए कई बलिदान दिए हैं और विधानसभा में मैंने उनका भारत रत्न वापस लेने के प्रस्ताव का समर्थन नहीं किया। पार्टी ने मुझसे इस्तीफा मांगा है क्योंकि मैं पार्टी के फैसले के खिलाफ खड़ी हुई’। 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पार्टी से अलग चलने के विरोध की वजह से केजरीवाल ने लांबा पर नाराजगी व्यक्त करते हुए इस्तीफा मांगा है। लांबा के साथ पार्टी विधायक सोमनाथ भारती ने भी इस प्रस्ताव का विरोध किया था, जिनकी भी प्रवक्ताओं के पैनल से छुट्टी कर दी गई है। 

आप का यू टर्न

इस मामले में ‘आप’ नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि राजीव गांधी के भारत रत्न से जुड़ा प्रस्ताव मूल प्रस्ताव का हिस्सा नहीं था। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी से भारत रत्न छीनने वाला हिस्सा सोमनाथ भारती ने अपने हाथ से लिखा था।

उन्होंने कहा कि मूल प्रस्ताव में हमने 1984 के नरसंहार के दोषियों को जल्द से जल्द सजा दिलाने के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाने की मांग की थी। राजीव गांधी के भारत रत्न से जुड़ा अमेंडमेंट सोमनाथ भारती ने अपने हाथ से लिखा था। सदन में मूल प्रस्ताव पास हुआ लेकिन भारती का प्रस्ताव पास नहीं किया गया।

हालांकि अलका लांबा ने बाद में इस संबंध में ट्वीट किया है, जिसमें राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लेने वाला हिस्सा हाथ से लिखा हुआ नहीं बल्कि प्रिंटेड नजर आ रहा है।

अब इसकी जो सजा मिलेगी मैं उसके लिए तैयार हूं: अलका लांबा

अलका ने ट्वीट कर कहा, 'आज दिल्ली विधानसभा में प्रस्ताव लाया गया कि पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी जी को दिया गया भारत रत्न वापस लिया जाना चाहिए, मुझे मेरे भाषण में इसका समर्थन करने के लिए कहा गया, जो मुझे मंजूर नहीं था, मैंने सदन से वॉकआउट किया। अब इसकी जो सजा मिलेगी मैं उसके लिए तैयार हूं।

 

व्यक्ति को किसी एक कार्य के लिए नहीं मिलता भारत रत्न: लांबा     

लांबा ने कहा कि किसी व्यक्ति को किसी एक कार्य के लिए भारत रत्न नहीं मिलता है। देश के लिए जीवन पर्यन्त उल्लेखनीय कार्यों के लिए यह सम्मान दिया जाता है। इसलिए किसी एक वजह से भारत रत्न वापस लेने की बात का समर्थन करना उचित नहीं है। उन्होंने कहा, ‘राजीव जी ने देश के लिए क़ुर्बानी दी है, इस बात को नहीं भुलाया जा सकता है’।

विधानसभा में पेश किए गए प्रस्ताव में कहा गया, 'दिल्ली सरकार को गृह मंत्रालय को कड़े शब्दों में यह लिख कर देना चाहिए कि राष्ट्रीय राजधानी के इतिहास के सर्वाधिक वीभत्स जनसंहार के पीड़ितों के परिवार और उनके अपने न्याय से वंचित हैं।’

जरनैल सिंह ने पेश किया था ये प्रस्ताव  

सदन ने सरकार को निर्देश दिए कि वह गृह मंत्रालय से कहे कि वह भारत के घरेलू आपराधिक कानूनों में मानवता के खिलाफ अपराध और जनसंहार को खासतौर पर शामिल करने के लिए सभी महत्वपूर्ण और जरूरी कदम उठाए। सिख दंगा मामले में हाल ही में दिल्ली हाईकोर्ट ने पूर्व कांग्रेस सांसद सज्जन कुमार और अन्य को उम्रकैद की सजा सुनाई है। ‘आप’ विधायक जरनैल सिंह ने इस प्रस्ताव को पेश किया था। माना जा रहा है कि केजरीवाल सरकार ने सिख समुदाय के वोट बैंक को अपने पाले में करने के लिए यह कदम उठाया है।

गौरतलब है कि दिल्ली विधानसभा में शुक्रवार को आप के दो विधायकों ने सिख दंगा मामले का हवाला देते हुए राजीव गांधी का भारत रत्न सम्मान वापस लिए जाने की केंद्र सरकार से मांग करने वाला प्रस्ताव पेश किया था। फिलहाल इस बारे में 'आप' की तरफ से कोई अधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई।

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TAGS: Ram Nivas Goel, Delhi Assembly speaker, original resolution, no mention, Rajiv Gandhi, AAP MLA Jarnail Singh
OUTLOOK 22 December, 2018
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