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24 January 2024

कर्पूरी ठाकुर को ‘भारत रत्न’: बिहार में कैसे भाजपा करेगी 'मंडल' की धार कुंद?

‘जननायक’ कर्पूरी ठाकुर को ‘भारत रत्न’ देने की घोषणा के बाद उनके गृह राज्य बिहार के राजनीतिक दलों में इसके श्रेय को लेकर होड़ शुरू हो गई है। राजनीतिक विश्लेषक हालांकि मान रहे हैं कि अगले कुछ माह में प्रस्तावित लोकसभा चुनावों में किस दल को इसका कितना फायदा मिलेगा, यह अभी स्पष्ट नहीं है।

विश्लेषकों का मानना है कि अनुच्छेद 370, आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को 10 प्रतिशत और लोकसभा एवं विधानसभाओं में 33 प्रतिशत महिला आरक्षण, फिर अयोध्या में राम मंदिर ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह और अब भारत रत्न का दांव चलकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने संकेत दे दिया है कि विपक्ष के ‘इंडिया’ गठबंधन की ओर से जाति आधारित गणना को मुद्दा बनाए जाने की कोशिशों का मुकाबला करने के लिए यह उसके मुख्य औजार होंगे।

कर्पूरी ठाकुर के निजी सचिव रहे वरिष्ठ पत्रकार सुरेन्द्र किशोर ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि वास्तविक जननायक इस सम्मान के हकदार थे और यह उन्हें बहुत पहले मिल जाना चाहिए था। उन्होंने कहा, ‘‘फैसला तो देर से आया है लेकिन दुरुस्त है।’’ बिहार की राजनीति के जानकार किशोर ने इस बात को स्वीकार किया कि आने वाले दिनों में इसका बिहार के राजनीतिक परिदृश्य पर इसका असर पड़ेगा। उन्होंने कहा, ‘‘ असर… देखना होगा।’’

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राजनीतिक दलों के बीच इस फैसले का श्रेय लेने की होड़ पर किशोर ने कहा, ‘‘श्रेय तो बंट जाएगा। देने वाले मोदी जी (प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी) निकले तो उन्हें भी श्रेय मिलेगा। भाजपा के पक्ष में ‘कमंडल’ का तत्व हावी है।’’ राष्ट्रपति भवन ने मंगलवार को कर्पूरी ठाकुर की जन्म शताब्दी की पूर्व संध्या पर बिहार के दो बार मुख्यमंत्री रहे और राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की राजनीति के सूत्रधार माने जाने वाले इस नेता को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से नवाजे जाने की घोषणा की थी।

कर्पूरी ठाकुर पहले गैर-कांग्रेसी समाजवादी नेता थे जो दिसंबर 1970 से जून 1971 तक और दिसंबर 1977 से अप्रैल 1979 तक दो बार बिहार के मुख्यमंत्री रहे। उनका 17 फरवरी, 1988 को निधन हो गया था। प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को ‘एक्स’ पर एक पोस्ट के जरिए इस फैसले की जहां सराहना की थी तो वहीं कर्पूरी पर एक लेख लिखकर उन्होंने कहा कि उनकी सरकार कर्पूरी ठाकुर से प्रेरणा लेकर निरंतर काम कर रही है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद ने ठाकुर को ‘भारत रत्न’ से नवाजे जाने की घोषणा का स्वागत तो किया है लेकिन साथ ही कहा है कि यह उनकी बहुत पुरानी मांग थी जो आखिरकार पूरी हुई।

कर्पूरी जयंती पर बिहार में आयोजित एक रैली में कुमार ने मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वह कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से सम्मानित करने का ‘पूरा श्रेय’ ले सकते हैं। भाजपा की राजनीति पर करीब से नजर रखने वाले एक जानकार ने कहा कि यह तय है कि भाजपा लोकसभा चुनाव में कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने को मुद्दा बनाएगी और इसे भुनाने का प्रयास भी करेगी।उन्होंने कहा कि पहले अनुच्छेद 370 को निरस्त करना, आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण, फिर 33 प्रतिशत महिला आरक्षण और फिर राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब ‘भारत रत्न’ का दांव, यह बिहार में उसके मुख्य चुनावी औजार होंगे।

 

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TAGS: Bharat Ratna, Karpoori Thakur, Bharat ratna for karpoori thakur, Mandal politics in bihar, Loksabha election 2024, narendra modi
OUTLOOK 24 January, 2024
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