Advertisement
12 June 2015

फिल्‍म समीक्षा: अधूरी नहीं, एक कहानी पूरी सी

वसुधा (विद्या बालन) एक बच्चे की मां है जिसका पति (राजकुमार राव) शादी के साल भर बाद ही आठ महीने का बच्चा छोड़ कर कहीं चला गया है। तब तक वसुधा का जीवन अपने पति के इंतजार में कट रहा है और वह अपने बेटे के साथ संघर्ष का जीवन जी रही है, जब तक उसके जीवन में बिजनेस टाइकून आरव रूपरेल (इमरान हाशमी) की एंट्री नहीं हो जाती।

 

कथित रूप से महेश भट्ट के निजी जीवन के कुछ टुकड़े इस फिल्म में हैं ऐसा प्रचार है। आरव की मां के साथ वाला हिस्सा महेश भट्ट के जीवन की सच्ची घटना है। जो भी हो मोहित सूरी अपने निर्देशन से कई कमियां पूरी की हैं। सिनेमेटोग्राफी अच्छी है और कुछ बहुत अच्छे दृश्य कैमरे की सहायता से रचे गए हैं। विद्या के पति का नक्सलियों के बीच फंस जाना और वापस आना थोड़ा अवास्तविक लगता है। बार-बार संस्कार और परंपरा शब्द से भी अपच होती है, लेकिन फिर यह फिल्म ठीक बन पड़ी है जिसे एक बार बिना माथे पर बल लाए देखा जा सकता है। याद कीजिए कितने सालों पहले आपने ऐसा दृश्य देखा कि नायिका भगवान के आगे दीया जलाए और उसके प्रेमी की मृत्यु का संकेत दीया बुझ जाने से मिले।

Advertisement

 

विद्या खूबसूरत लगीं हैं और सूरी ने बहुत होशियारी से उनकी भारी काया को कैमरे में आने नहीं दिया है। यह मेरी नितांत व्यक्तिगत राय है लेकिन इमरान हाशमी ने एक बड़े बिजनेस मैन और समर्पित प्रेमी की भूमिका बहुत निष्ठा से निभाई है। संभवतः वह पहली बार इतना अच्छा अभिनय कर पाए हैं। राजकुमार राव के लिए करने के लिए कुछ खास नहीं था, लेकिन उम्र दराज हरि के रूप में वह ज्यादा जमे हैं। यह शायद पीढ़ियों का ही अंतर है कि जब एक अहसान के बदले विद्या, हाशमी के पैर छूने को झुकती हैं तो दर्शक द्रवित होने के बजाय हंस देते हैं।

 

मध्यांतर से पहले फिल्म की गति भी अच्छी है, जिससे कहानी तेजी से खुलती चलती है और मध्यातंर के बाद जल्दी-जल्दी खत्म हो जाती है। निर्देशक ने कहीं भी विस्तार से बचने की कोशिश की है, फिर भी यह टुकड़े-टुकड़े नहीं लगती।

 

गाने याद रह जाना मुश्किल हैं पर सुनने पर ठीक ही लगते हैं। फिल्म के दो-तीन सीन छत्तीसगढ़ के बस्तर में फिल्माए गए हैं ऐसा दिखाया गया है, लेकिन मैंने छत्तीसगढ़ में कभी भी फूलों का इतना सुंदर बाग नहीं देखा जैसा निर्देशक को मिल गया है, न बैकग्राउंड में वह पहाड़ियां। खैर। कुल जमा यह यह एक बार देख लेने लायक फिल्म तो है ही। कभी-कभी हल्का-फुल्का देखना भी दिमाग को सुकून देता है।  

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: hamari adhuri kahani, vidya balan, imran hashmi, rajkumar rao, mahesh bhatt, mohit suri, हमारी अधूरी कहानी, विद्या बालन, इमरान हाशमी, राजकुमार राव, महेश भट्ट, मोहित सूरी
OUTLOOK 12 June, 2015
Advertisement