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04 March 2016

फिल्में पास कराने के लिए निर्देशकों ने की थी रिश्वत की पेशकश: निहलानी

गूगल

सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष पहलाज निहलानी से जब यह पूछा गया कि क्या किसी फिल्म-निर्माता ने विशेष सीन को फिल्म में रखने के लिए उन्हें रिश्वत देने का प्रयास किया है, निहलानी ने कहा, हां, क्योंकि लोग अपनी आदतें कभी नहीं छोड़ते। वे किसी भी हालत में अपने काम को बनाए रखना चाहते हैं। किसी ने मुझे भी पेशकश की थी लेकिन मैं नाम नहीं बता सकता। उन्होंने कहा, वे बस काम निकालना चाहते हैं, किसी की गलती नहीं है। बाबुओं को दोष क्यों दें, एक बार जब हमें लगता है कि हमारा काम होना चाहिए हम पैसे देकर काम कराने से हिचकते नहीं हैं। उन्होंने कहा कि कुछ लोग हैं जिन्हें कोई शर्म नहीं है और वह ऐसा करते हैं।

 

निहलानी सोसायटी मैगजीन के नए कवर लांच के अवसर पर एक कार्यक्रम में शिरकत कर रहे थे। उन्होंने दावा किया कि सीबीएफसी में उनके कर्मचारी किसी प्रकार का तोहफा नहीं लेते और बोर्ड में अब भ्रष्टाचार शून्य है। उन्होंने कहा, आज मैं आपसे कह सकता हूं कि मेरे कर्मचारी हमें मिलने वाला दीवाली का उपहार भी अस्वीकार कर देते हैं। मुझे उनपर गर्व है। बोर्ड में बिलकुल भ्रष्टाचार नहीं है। हाल ही में विवादों में रहे सेंसर बोर्ड के कामकाज की समीक्षा और उसमें सुधारों के लिए फिल्म-निर्माता श्याम बेनेगल की अध्यक्षता में गठित की गई समिति के बारे में निहलानी ने कहा कि बेनेगल बुद्धिमान व्यक्ति हैं और वह वही करेंगे जो सही होगा। उन्होंने कहा, श्याम बेनेगल बहुत बुद्धिमान हैं, उन्हें सीबीएफसी के कामकाज के बारे में पता है और उन्होंने अपनी फिल्मों के समय भी परेशानियां झेली हैं। मुझे लगता है कि वह सही जगह पर सही काम करेंगे। 

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कड़े सेंसरशिप नियमों के कारण हाल ही में सेंसर बोर्ड को संस्कारी कहा जाने लगा है। इसपर पहलाज निहलानी ने कहा कि वह इसे उपलब्धि मानते हैं, क्योंकि वह सिर्फ नियमों का पालन कर रहे हैं। निहलानी ने कहा, मैं नियमों के अनुसार काम कर रहा हूं, मैं उनका पालन कर रहा हूं। यह मेरा काम है। लोग मुझे जो भी पुकारें, मेरी उपलब्धि है। बेनेगल समिति गठित हो गई है और वे नियम बनाएंगे, जो भी बनेगा, मैं उसका पालन करूंगा। हाल ही में निहलानी ने अलीगढ़ के निर्देशक हंसल मेहता की आलोचना करते हुए कहा कि वह फिल्म के ट्रेलर को मिले ए प्रमाणपत्रा को सिर्फ प्रचार पाने के लिए मुद्दा बना रहे हैं। यह पूछने पर कि क्या उन्होंने फिल्म देखी है, निहलानी ने कहा, मैंने फिल्म नहीं देखी है। बॉक्स ऑफिस और लोग तय करेंगे मेरा व्यक्तिगत विचार मायने नहीं रखता। मैं अध्यक्ष हूं, मेरे पैनल के सदस्य हैं और उन्होंने बिना किसी बदलाव के फिल्म पास कर दी। उसे ए प्रमाणपत्र दिया, क्योंकि उन्होंने यही मांगा था। फिल्म में कोई बदलाव नहीं किया गया। सेंसर बोर्ड प्रमुख ने दावा किया कि कुछ फिल्म निर्माता बोर्ड की आलोचना करके प्रचार पाना चाहते हैं।

 

 

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TAGS: सेंसर बोर्ड, पहलाज निहलानी, फिल्म, रिश्वत, भ्रष्टाचार, फिल्म निर्माता, श्याम बेनेगल, हंसल मेहता, अलीगढ़, सेंसरशिप
OUTLOOK 04 March, 2016
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