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30 April 2015

केयर्न इंडिया से लगा वेदांता को झटका

पीटीआइ

यह गुडविल नुकसान कंपनी के स्वामित्व वाली पेट्रोलियम कंपनी केयर्न इंडिया की संपत्ति में आई जोरदार गिरावट के कारण हुआ है। इस कंपनी का अधिग्रहण 2011 में वेदांता ने करीब 60 हजार करोड़ रुपये में किया था और अब उसने इस कंपनी में अपनी संपत्ति के मूल्य में 20 हजार रुपये की कमी होने की घोषणा कर दी है।

क्या होता है गुडविल नुकसान

किसी कंपनी में गुडविल नुकसान तब माना जाता है जब कंपनी का खरीद भाव उसकी कुल परिसंपत्तियों के मूल्य से अधिक हो। केयर्न के मामले में ऐसा ही हुआ है। पिछले साल तक लगातार आगे बढ़ रही और वेदांता समूह में सबसे अधिक लाभ दे रही कंपनी देखते-देखते जमीन पर आ गई है। इसके पीछे अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों की 50 फीसदी से अधिक की गिरावट मुख्य वजह रही है।

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वेदांता लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी टॉम अल्बानिस के अनुसार कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के रुख को देखते हुए गुडविल नुकसान का फैसला लिया गया है और वैश्विक तेल एवं गैस कंपनियां भी इस साल अपने खाते में परिसंपत्तियों के नुकसान को दिखा रही हैं।

दो साल पहले इसी राह चली थी टाटा स्टील

वर्ष 2013 की मई में इसी प्रकार टाटा स्टील ने अपनी कंपनी कोरस के तहत यूरोपीय इस्पात कारोबार और उसकी भारत से बाहर की परिसंपत्तियों में 1.6 अरब डॉलर के गुडविल नुकसान की घोषणा की थी। उस समय वह सबसे बड़ा कारोबारी गुडविल नुकसान था। इसके अलावा वोडाफोन, बीपी ने भी अपनी भारतीय परिसंपत्तियों में नुकसान दिखाया है।

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TAGS: वेदांता, अनिल अग्रवाल, सेसा स्टरलाइट, गुडविल नुकसान, घाटा, टाटा स्टील, वोडाफोन, Vedanta, Anil Agarwal, Sesa Sterlite, loss of goodwill, loss, Tata Steel, Vodafone
OUTLOOK 30 April, 2015
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