Advertisement
25 June 2016

मोदी सरकार के खिलाफ हुआ संघ का मजदूर संगठन

गूगल

संगठन ने सरकार को याद दिलाया है कि सरकार के प्रस्तावित श्रम सुधारों के विरोध में एक प्रस्ताव हैदराबाद में इस वर्ष फरवरी में आयोजित भारतीय मजदूर संघ की अखिल भारतीय कार्यसमिति बैठक में पारित किया गया था इसके बावजूद सरकार इन सुधारों से पीछे नहीं हटी। यही नहीं पिछले वर्ष 28 अगस्त को श्रम मंत्री व श्रम सचिव भारत सरकार द्वारा मजदूरों की मांगों को हल करने का लिखित आश्वासन भारतीय मजदूर संघ व अन्य केंद्रीय श्रम संगठनों को दिया गया था जिस पर 10 महीने बीत जाने के बाद भी कोई कदम नहीं उठाया गया।

बीएमएस  का कहना है कि सरकार लगातार मजदूर विरोधी निर्णय ले रही है जिसमें प्रमुख रूप से कर्मचारियों के भविष्य निधि, कर्मचारी राज्य बीमा योजना, नई वस्त्र नीति, विमानन उद्योग नीति, मेरीटाईम पालिसी, नीति आयोग की सार्वजनिक उद्योगों के बारे में अनुसंशाएं, महंगाई, बैंकिंग उद्योग में सुधार, अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के श्रम मानकों के विपरीत कदम उठाना, संविदा श्रमिकों और असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की दयनीय स्थिति पर उपेक्षा आदि उदाहरण हैं। यही नहीं 100 प्रतिशत विदेशी पूंजी निवेश भी सस्ते भारतीय श्रम का लाभ पूंजीपतियों को देने के लिए किया जा रहा है।

ऐसे में भारतीय मजदूर संघ ने इस बैठक में फैसला लिया है कि अगर सरकार 28 अगस्त, 2015 को दिए गए लिखित आश्वासन को पूरा नहीं करती और श्रम विरोधी सुधारों से अविलंब पीछे नहीं हटती तो 8 जुलाई, 2016 को पूरे देश भर में सभी जिला केंद्रों एवं औद्योगिक केंद्रों पर प्रदर्शन तथा संसद के मानसून सत्र से पूर्व सभी सांसदों को इन विषयों पर ज्ञापन दिया जाएगा। इसके अगले चरण में सितंबर महीने में देशव्यापी औद्योगिक हड़ताल करने के लिए दिनांक 12 से 14 अगस्त 2016 को भोपाल में होने जा रही केंद्रीय कार्यसमिति बैठक में औद्योगिक हड़ताल की तिथि निश्चित की जाएगी।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: आरएसएस, भारतीय मजदूर संघ, बीएमएस, केंद्र सरकार, मोदी सरकार
OUTLOOK 25 June, 2016
Advertisement