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05 April 2018

आरबीआइ ने ब्याज दरों में नहीं किया कोई बदलाव, रेपो रेट छह फीसदी ही रखी

file photo

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) ने आज रेपो रेट (मुख्य नीतिगत दर) में कोई बदलाव नहीं करते हुए इसे छह फीसदी पर कायम रखा है। रिवर्स रेपो रेट भ्‍ाी पहले की तरह 5.75 फीसदी ही रखी गई है। यह लगातार चौथा मौका है जब इन दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इसका असर यह होगा कि लोगों को पहले की तरह ही ईएमआइ चुकानी होगी। उन्हें किसी तरह की राहत नहीं मिलेगी।  


आरबीआइ के गवर्नर उर्जित पटेल के नेतृत्व वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की वित्त वर्ष 2018-19 में पहली समीक्षा बैठक के बाद  बताया गया कि चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में खाद्यान्न के दाम में नरमी को देखते हुए खुदरा मुद्रास्फीति के 4.7 फीसदी से 5.1 फीसदी के दायरे में रहने का अनुमान है। दूसरी छमाही में इसके 4.4 फीसदी रहने का अनुमान है।

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बैठक में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) को वित्त वर्ष 2017-18 के 6.6 फीसदी की तुलना में वित्त वर्ष 2018-19 में 7.4 फीसदी करने का लक्ष्य रखा गया है। 

इससे पहले पिछले साल अगस्त में रेपो रेट को 0.25 फीसदी घटाकर छह फीसदी किया था। उसके बाद से केंद्रीय बैंक ने नीतिगत दर में बदलाव नहीं किया है।

मुख्य बातें

 -रिजर्व बैंक ने प्रमुख नीतिगत दर को छह फीसदी पर बरकरार रखा।

 -रिवर्स रेपो दर 5.75 फीसदी पर कायम।

 -बैंक दर 6.25 फीसदी पर यथावत।

 -चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही के लिए मुद्रास्फीति अनुमान को संशोधित क र4.7 से 5.1 फीसदी किया गया।

-जीडीपी वृद्धि दर वित्त वर्ष 2017-18 के 6.6 फीसदी के अनुमान से 2018-19 में बेहतर रहेगी और इसके 7.4 फीसदी रहने का अनुमान।

क्या है रेपो रेटः रेपो रेट वह दर होती है जिसपर बैंकों को आरबीआइ कर्ज देता है। बैंक इस कर्ज से ग्राहकों को कर्ज मुहैया कराते हैं। रेपो रेट कम होने का अर्थ है कि बैंक से मिलने वाले तमाम तरह के कर्ज सस्ते हो जाएंगे।


रिवर्स रेपो रेटयह वह दर होती है जिस पर बैंकों को उनकी ओर से आरबीआइ में जमा धन पर ब्याज मिलता है। रिवर्स रेपो रेट बाजारों में नकदी की तरलता को नियंत्रित करने में काम आती है।  

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TAGS: Rbi, repo, rate, unchanged, mpc, Urjit, Patel
OUTLOOK 05 April, 2018
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