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24 February 2018

पीएनबी फ्रॉड के बाद सरकारी बैंकों के निजीकरण से जेटली का इनकार

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पंजाब नेशनल बैंक के 11,400 करोड़ रुपये के फ्रॉड के बाद सरकारी बैंकों के निजीकरण से इनकार किया है। जेटली ने कहा कि राजनीतिक रूप से इस पहल को स्वीकार नहीं किया जा सकता है। इकोनॉमिक टाइम्स ग्लोबल बिजनेस समिट में वित्त मंत्री ने कहा कि पीएनबी घोटाले के बाद कई लोगों ने बैंकों के निजीकरण की चर्चा शुरू कर दी थी।

उन्होंने कहा, “निजीकरण के लिए व्यापक स्तर पर राजनीतिक सर्वसम्मति की जरूरत होती है। साथ ही, कानून में संशोधन भी करना पड़ेगा। मेरा मानना है कि भारतीय राजनीति में इस विचार को पसंद नहीं किया जाएगा। यह एक बहुत ही चुनौतीपूर्ण फैसला है।”

शुक्रवार को फिक्की के अध्यक्ष राशेष शाह ने कहा कि उन्होंने वित्त मंत्री से मुलाकात की था और चरणबद्ध तरीके से बैंकों के निजीकरण की प्रक्रिया शुरू करने की मांग की।

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औद्योगिक संगठन एसोचैम ने भी सरकार बैंकों में सरकार की हिस्सेदारी 50 फीसदी से कम करने की मांग की है, ताकि बैंक अधिक जिम्मेदारी और स्टेकहोल्डर्स के हित में काम कर सकें। कुछ उद्योगपतियों ने भी बैंकों के निजीकरण की वकालत की है।   

गोदरेज समूह के आदि गोदरेज ने कहा कि बैंकों का निजीकरण देश के लिए अच्छा होगा, क्योंकि निजी बैंकों में कम या न के बराबर फर्जीवाड़ा होता है। बजाज समूह के राहुल बजाज ने भी बैंकों ने निजीकरण के पक्ष में बोला है।

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TAGS: Jaitley, privatization, public sector banks, Adi Godrej, Rahul Bajaj, पीएनबी, फ्रॉड, सरकारी बैंक, निजीकरण, जेटली
OUTLOOK 24 February, 2018
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