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10 June 2015

चीनी मिलों को 6000 करोड़ का कर्ज, दालों के आयात की नौबत

नई दिल्‍ली। केंद्र सरकार ने आज कृषि से जुड़े तीन अहम फैसले लिए हैं। दालों की महंगाई पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने बड़ी मात्रा में दालों के आयात का फैसला किया है जबकि चीनी मिलों को 6000 करोड़ रुपये का ब्‍याज मुक्‍त कर्ज दिया जाएगा। इसके अलावा सरकार ने नेफ्था आधारित तीन यूरिया प्‍लांट से उत्‍पादन जारी रखने की मंजूरी दे दी है। केंद्र और राज्‍य सरकारें पहले भी चीनी मिलों को इस तरह के कई राहत पैकेज ले चुकी हैं, लेकिन चीनी मिलों की हालत सुधरने के बजाय किसानों का बकाया भुगतान बढ़ता जा रहा है। 

बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्‍यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इन दोनों फैसलों पर मुहर लगी है। बैठक में दालों की बढ़ती कीमतों पर खासतौर पर चिंता जाहिर की गई है और इससे निपटने के लिए दालों के आयात का फैसला किया गया है। फसलों पर मौसम की मार के चलते वर्ष 2014-15 में दलहन उत्‍पादन करीब 20 लाख टन घटा है जबकि पिछले साल भर के दौरान दालें करीब 64 फीसदी महंगी हो गई हैं। खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने कहा है कि सरकार दलहन की बढ़ती कीमत के प्रति बेहद गंभीर है। दलहन का उत्पादन कम रहा है। जितनी जरूरत होगी हम उतनी दालों का आयात करेंगे। उन्होंने कहा हमने राज्य सरकारों से कहा है कि वे जमाखोरों के खिलाफ कार्रवाई करें। यह पूछने पर कौन-सी एजेंसी दलहनों का आयात करेगी, पासवान ने कहा कि इस पर जल्दी ही फैसला किया जाएगा। 

पिछले साल कम बारिश और इस साल मार्च-अप्रैल में बेमौसम बारिश एवं ओलावृष्टि के कारण दलहन उत्पादन 2014-15 में 1.73 करोड़ टन रह गया जो इससे पिछले फसल वर्ष में 1.92 करोड़ टन था। भारत घरेलू मांग को पूरा करने के लिए करीब 40 लाख टन दालों का आयात करता है। यह आयात मुख्यत: निजी व्यापार के जरिए होता है।

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चीनी मिलों पर फिर मेहरबानी 

चीनी मिलों के संकट को दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने 6,000 करोड़ रुपये का ब्‍याज मुक्त कर्ज देने का फैसला किया है। केंद्र सरकार का दावा है कि इससे किसानों को गन्‍ने का बकाया भुगतान मिलने में आसानी होगी। फैसले की जानकारी देते हुए सड़क परिवहन एंव राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि चीनी मिलें अधिक उत्पादन और कम कीमत की वजह से किसानों को भुगतान नहीं कर पा रही हैं। सरकार ने किसानों के हितों को देखते हुए चीनी मिलों को 6,000 करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त कर्ज मंजूर किया है। चीनी मिलें किसानों की सूची तैयार करेंगी और बैंकों द्वारा राशि सीधे किसानों के जनधन खातों में हस्तांतरित की जाएगी। ब्‍याज का 600 करोड़ रुपये का बोझ सरकार चीनी विकास कोष से वहन करेगी। यह कर्ज चीनी मिलों को एक साल के लिए दिया जा रहा है। इस अवधि में उनसे कोई ब्‍याज नहीं लिया जाएगा। 

 

तीन यूरिया संयंत्रों को उत्पादन जारी रखने की मंजूरी 

दक्षिणी राज्यों में यूरिया की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने नाफ्था को कच्चेमाल के रूप में इस्तेमाल कर यूरिया बनाने वाले तीन संयंत्रों को पाइपलाइन या किसी अन्य माध्यम से गैस उपलब्ध होने तक यूरिया उत्पादन जारी रखने की आज मंजूरी दी है। रसायन एवं उर्वरक मंत्री अनंत कुमार ने बताया कि मद्रास फर्टिलाइजर्स, मंगलोर केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स और सदर्न पेट्रोकेमिकल इंडस्टीज कारपोरेशन को नाफ्था का उपयोग कर यूरिया का उत्पादन जारी रखने की छूट दी गई है। गौरतलब है कि संशोधित नई मूल्य निर्धारण योजना के तहत इन यूरिया संयंत्रों को पिछले साल 30 जून तक नाफ्था का उपयोग कर यूरिया का उत्पादन करने की अनुमति दी गई थी जिसे मंत्रिमंडल दो बार समय विस्तार दे चुका है। 

 

 

(एजेंसी इनपुट)

 

 

 

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TAGS: केंद्र सरकार, मंत्रिमंडल, कृषि, चीनी मिल, राहत पैकेज, दलहन, दालों का आयात, दलहन उत्‍पादन, agriculture sector, cabinet, decisions, sugar mills, interest free loan, urea, pulses
OUTLOOK 10 June, 2015
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