मोरेटोरियम मामले पर SC का केंद्र को फटकार, कहा- आपने पूरे देश को बंद कर दिया, RBI के पीछे मत छुपिए; रूख स्पष्ट करें
लोन मोरेटोरियम अवधि में ईएमआई पर ब्याज में छूट देने के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई। इस बाबत कोर्ट ने केंद्र को कड़ी फटकार लगाते हुए जवाब मांगा है। कोर्ट ने केंद्र से मामले में एक सितंबर तक अपना रुख साफ करने को कहा है। कोर्ट ने केंद्र को फटकार लगाते हुए कहा, 'आप रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के पीछे नहीं छुप सकते और बस व्यापार का हित नहीं देख सकते हैं।'
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट कोरोना महामारी को देखते हुए लोन की ईएमआई को स्थगित किए जाने के फैसले के बीच ब्याज को माफ करने की याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि केंद्र ने इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है। जबकि आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत केंद्र के पास शक्तियां थीं और वो इस तरह से ‘आरबीआई के पीछे छुप रही है।' जस्टिस भूषण की पीठ ने आगे कहा, “ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि आपने पूरे देश को बंद कर दिया था। आपको हमें दो चीजें, आपदा प्रबंधन अधिनियम और क्या ब्याज पर ब्याज का हिसाब देना होगा, इस पर अपना पक्ष बताना होगा।“
पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि वे आपदा प्रबंधन अधिनियम पर रुख स्पष्ट करें और बताएं कि क्या मौजूदा ब्याज पर अतिरिक्त ब्याज लिया जा सकता है। इस बाबत सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट से एक सप्ताह का समय मांग। याचिकाकर्ता की तरफ से पेश हुए वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि मोरेटोरियम अवधि 31 अगस्त को समाप्त हो रही है और जब तक इस मुद्दे पर कोई फैसला नहीं आ जाता, इसे बढ़ा देना चाहिए।
इससे पहले 4 जून को कोर्ट ने वित्त मंत्रालय से दिए गए मोहलत अवधि के दौरान ऋण पर ब्याज की माफी के बारे में जवाब मांगा था। क्योंकि, आरबीआई ने कहा था कि बैंकों की वित्तीय सेहत को जोखिम में डालकर ब्याज की माफी के लिए जाना विवेकपूर्ण नहीं होगा। दरअसल, कोर्ट एक तरफ मोरेटोरियम की मंजूरी और दूसरी तरफ ऋण पर ब्याज लगाने के फैसले को लेकर सुनवाई कर रही है। अगली सुनवाई एक सितंबर को होगी।