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22 December 2016

एनसीएलटी का मिस्त्री परिवार की कंपनियों की अंतरिम राहत याचिका पर सुनवाई से इनकार

एनसीएलटी की खंडपीठ ने साइरस इन्वेस्टमेंट्स प्राइवेट लि. तथा स्टर्लिंग इन्वेस्टमेंट कारपोरेशन की याचिका पर अंतत: अगले साल 31 जनवरी तथा एक फरवरी को सुनवाई करने का फैसला किया है। खंडपीठ में सदस्य न्यायिक बी एस वी प्रसाद कुमार तथा सदस्य तकनीकी वी नल्लासेनापति शामिल हैं। खंडपीठ ने कहा कि फिलहाल वह अंतरिम राहत देने या अंतरिम सुनवाई पर विचार नहीं करेगी।

खंडपीठ ने साइरस पल्लोनजी मिस्त्री से याचिका पर आज से एक सप्ताह में जवाब देने को कहा है।

वहीं टाटा संस और अन्य प्रतिवादियों से मिस्त्री के जवाब दाखिल करने के 15 दिन में जवाब देने को कहा गया है। एनसीएलटी ने याचिकाकर्ता कंपनियों से इसके एक पखवाड़े में फिर जवाब देने को कहा है।

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खंडपीठ ने कहा कि अंतरिम राहत पर पक्षों को सुनने के बजाय वह मामले की तेजी से सुनवाई करेगी और एक महीने में आदेश सुनाएगी। संबंधित पक्षों की सहमति से खंडपीठ ने सुनवाई की तारीख 31 जनवरी और एक फरवरी तय की है।

मिस्त्री के परिवार के स्वामित्व वाली कंपनियों ने कंपनी कानून की धारा 241 और 242 के तहत एनसीएलटी में याचिका दायर की है। मिस्त्री के परिवार की टाटा संस में 18 प्रतिशत हिस्सेदारी है। रतन टाटा की अगुवाई वाली टाटा ट्रस्ट की कंपनी में 66 प्रतिशत हिस्सेदारी है। मिस्त्री को टाटा संस के चेयरमैन पद से हटा दिया गया है लेकिन अभी वह कंपनी के बोर्ड में बने हुए हैं।

वरिष्ठ अधिवक्ता ए. सुंदरम ने न्यायाधिकरण से टाटा संस और उसके अंतरिम चेयरमैन रतन टाटा को यह निर्देश देने को कहा है कि याचिका पर सुनवाई तथा उसके निपटान तक साइरस मिस्त्री को होल्डिंग कंपनी तथा टाटा समूह की अन्य कंपनियों के निदेशक मंडल से न हटाया जाए।

भाषा

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TAGS: National Company Law Tribunal, Cyrus Investments company, Cyrus Mistry, ousted Chairman of Tata Sons
OUTLOOK 22 December, 2016
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